Waaree Energies ने वर्तमान में ही हल्के और लचीले सोलर मॉड्यूल लॉन्च किए है। ये मॉड्यूल्स पारंपरिक कांच के पैनल्स से 70% हल्के हैं और उनकी मोटाई केवल 3.5 मीटर से कम होती है। इन मॉड्यूल्स को बिना किसी ड्रिलिंग या भारी सपोर्ट की जरूरत के सीधे सतहों पर लगाया जा सकता है। जिनका यूज उन जगहों पर किया जा सकता है, जहां पहले सोलर पैनल्स का उपयोग करना मुश्किल होता है। जैसे कि मेट्रो स्टेशन, पेट्रोल पंप की छत,सड़क के किनारे की बैरियर, रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर और शहरी छतों पर इसके अलावा Waaree Energies का कहना है कि ये सोलर पैनल स्थानों पर भी आसानी से इंस्टॉल किए जा सकते हैं।

जहां पर सपोर्ट या ढांचों की अनुमति नहीं होती। इसके साथ ही इन मॉड्यूल्स को आसानी से किसी भी जगह चिपकाया जा सकता हैं, जिससे इंस्टॉलेशन आसान और सस्ता हो जाता है।
हल्के और पतले सोलर पैनल्स
इन लचीले सोलर पैनल्स का वजन बहुत हल्का है, केवल 8 किलो प्रति वर्ग मीटर (kg/m²), और उनकी मोटाई केवल 3.5 मिमी है। इसके कारण, ये पैनल्स आसानी से उन सतहों पर लगाए जा सकते हैं जिनकी क्षमता बहुत कम होती है। जैसे पुराने भवन, मेट्रो स्टेशन्स, और अन्य जगहों पर जहां भारी पैनल्स लगाना मुश्किल हो सकता है। इन मॉड्यूल्स को बिना किसी माउंटिंग की जरूरत के सीधे चिपकाया जा सकता है, जिससे इंस्टॉलेशन प्रक्रिया तेज़ और सस्ती होती है।
उच्च क्षमता और बेहतर प्रदर्शन
इन लचीले सोलर मॉड्यूल्स का आउटपुट 500 वॉट तक हो सकता है, और इनमें 18% मॉड्यूल क्षमता होती है। यह खासकर शहरी इलाकों में जहां धूप का असर कम हो सकता है, वहां बहुत प्रभावी होते हैं। इनमें ETFE फ्रंट शीट और IP67 जंक्शन बॉक्स होता है, जिससे ये मॉड्यूल्स खराब मौसम में भी अच्छे से काम करते हैं। इसके अलावा, इनमें कम रोशनी में भी अच्छी क्षमता होती है, जो इन्हें और अधिक उपयोगी बनाती है।
Waaree Energies के मुख्य विपणन अधिकारी, निलेश मलानी ने कहा, “शहरों और अहम इंफ्रास्ट्रक्चर को सोलर पैनल की जरूरत है, जो उनके अनुसार अनुकूलित हो सकें। हमारा लचीला प्लेटफ़ॉर्म सोलर पैनल्स को इंस्टॉल करने के विकल्पों को बढ़ाता है, और भारतीय शहरों में कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करता है।”
विभिन्न आकारों में उपलब्ध
इन मॉड्यूल्स के कई आकार उपलब्ध हैं, जैसे 84 W, 125 W, 250 W और 500 W। इन मॉड्यूल्स को विभिन्न आकार और डिज़ाइन वाली जगहों पर इंस्टॉल किया जा सकता है। चाहे वह घुमावदार छत हो, या कोई अन्य वक्र सतह, ये मॉड्यूल्स हर जगह आसानी से फिट हो सकते हैं।
इन मॉड्यूल्स का इस्तेमाल अब उन स्थानों पर भी किया जा सकेगा, जहां पहले सोलर पैनल्स का उपयोग नहीं हो सकता था। यह उन सभी के लिए एक बड़ा कदम है, जो सस्टेनेबल और हरित ऊर्जा की ओर बढ़ने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
पर्यावरण पर प्रभाव
इन हल्के और लचीले सोलर मॉड्यूल्स से न केवल ऊर्जा संकट हल होगा, बल्कि ये पर्यावरण की दृष्टि से भी बेहद फायदेमंद साबित होंगे। इससे भारत में सोलर पावर का प्रसार तेज़ होगा, और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। यह भारत के शहरी क्षेत्रों और बुनियादी ढांचे के लिए एक अहम कदम साबित हो सकता है, जिससे ऊर्जा की खपत में सुधार होगा। इन मॉड्यूल्स का डिज़ाइन इस प्रकार से किया गया है कि वे शहरों में पूरी तरह से फिट हो जाते हैं और इनका उपयोग तेजी से बढ़ता जाएगा।