Waaree Energies Share Price: लॉक-इन खत्म होते ही निवेशकों को झटका! शेयर 8% लुढ़का – आगे क्या है एक्सपर्ट्स की राय?

IPO के बाद पहली बार Waaree Energies में आई जबरदस्त बिकवाली, जानें क्या है इसके पीछे की वजह और एक्सपर्ट्स का अगला रुख। शेयर की चाल से लेकर निवेश की रणनीति तक सबकुछ पढ़ें यहां।

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Written by Rohit Kumar

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Waaree Energies Share Price: लॉक-इन खत्म होते ही निवेशकों को झटका! शेयर 8% लुढ़का – आगे क्या है एक्सपर्ट्स की राय?
Waaree Energies Share Price: लॉक-इन खत्म होते ही निवेशकों को झटका! शेयर 8% लुढ़का – आगे क्या है एक्सपर्ट्स की राय?

सोलर इक्विपमेंट निर्माता कंपनी Waaree Energies के शेयरों में आज फिर से तगड़ी गिरावट देखी गई। Waaree Energies Share Price ने एक दिन पहले भी करीब 5% से ज्यादा की गिरावट के साथ कारोबार समाप्त किया था और इंट्रा-डे में यह 6% से अधिक लुढ़क गया था। लेकिन आज यानी 25 अप्रैल 2025 को शेयर ने लगभग 9% की बड़ी गिरावट दर्ज की, जो निवेशकों के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ।

कंपनी के हालिया धमाकेदार तिमाही नतीजों के बावजूद यह गिरावट कई सवाल खड़े करती है। विशेषज्ञों के अनुसार, इसका प्रमुख कारण लॉक-इन पीरियड का समाप्त होना है, जिसने शेयर में भारी बिकवाली को जन्म दिया है।

Waaree Energies: IPO के बाद पहली बार शेयर पर इतनी बड़ी बिकवाली

Waaree Energies ने हाल ही में अपना IPO लॉन्च किया था, जिसे निवेशकों का जबरदस्त समर्थन मिला था। कंपनी का आईपीओ (IPO) दिसंबर 2024 में आया था और इसे जबरदस्त ओवरसब्सक्रिप्शन मिला। लिस्टिंग के बाद Waaree Energies के शेयरों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और निवेशकों को शानदार रिटर्न दिए।

लेकिन IPO के छह महीने बाद, अब जब प्रमोटर्स और एंकर इन्वेस्टर्स का लॉक-इन पीरियड समाप्त हुआ है, तो उन्होंने अपने शेयर बेचने शुरू कर दिए हैं। यही बिकवाली अब शेयर पर दबाव बना रही है।

धमाकेदार तिमाही नतीजे भी शेयर को नहीं बचा सके

Waaree Energies ने मार्च 2025 तिमाही के लिए बेहतरीन नतीजे घोषित किए। कंपनी ने बताया कि उसकी रेवेन्यू और नेट प्रॉफिट दोनों में सालाना आधार पर मजबूत वृद्धि हुई है। Renewable Energy सेक्टर में बढ़ती मांग और सरकार की ओर से मिल रहे समर्थन ने कंपनी के व्यवसाय को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।

फिर भी, इन पॉजिटिव फंडामेंटल्स का असर स्टॉक प्राइस पर नहीं दिखा। इसका मुख्य कारण है बाजार में शेयर की भारी सप्लाई, जो लॉक-इन अवधि खत्म होने के बाद अचानक आई।

शेयर प्राइस में गिरावट के पीछे की रणनीति

विश्लेषकों का मानना है कि Waaree Energies Share Price में गिरावट पूरी तरह से टेक्निकल और साइकॉलॉजिकल कारणों से आई है। निवेशकों को पहले से अंदाजा था कि लॉक-इन पीरियड खत्म होते ही शेयर की बिक्री बढ़ेगी। इस आशंका ने पहले ही ट्रेडिंग सेशन्स में प्रेशर बना दिया था।

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जैसे ही एंकर इन्वेस्टर्स और कुछ प्रमोटर्स ने अपने शेयर बेचने शुरू किए, शेयर प्राइस ने गिरावट का रास्ता पकड़ लिया। यह एक आम प्रक्रिया है जिसे IPO के बाद अक्सर देखा जाता है।

ब्रोकरेज हाउस का क्या कहना है?

ब्रोकरेज फर्म्स ने Waaree Energies पर अपनी राय दी है। कुछ ब्रोकरेज ने इसे लॉन्ग टर्म के लिए मजबूत स्टॉक बताया है, जबकि कुछ ने अलर्ट किया है कि आने वाले कुछ सेशन्स में और दबाव रह सकता है। एक प्रमुख ब्रोकरेज ने कहा, “Renewable Energy सेक्टर में कंपनी की मजबूत पकड़ है, लेकिन शॉर्ट टर्म में शेयर में वोलैटिलिटी रह सकती है।”

हालांकि, कंपनी की ग्रोथ संभावनाएं, टेक्नोलॉजी अपग्रेड और नई सरकारी नीतियों के चलते लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए यह एक मौका हो सकता है।

आगे का रुझान: निवेशकों को क्या करना चाहिए?

Waaree Energies Share Price में आई यह गिरावट निवेशकों के लिए डर का कारण बन सकती है, लेकिन जानकारों का कहना है कि यह गिरावट अस्थायी है। यदि कंपनी का फंडामेंटल मजबूत है और ग्रोथ स्टोरी बरकरार रहती है, तो यह शेयर दोबारा ऊंचाइयों को छू सकता है।

टेक्निकल चार्ट्स के अनुसार, अगले कुछ सेशन्स में शेयर का सपोर्ट लेवल 920–940 रुपये के आसपास है। यदि यह लेवल होल्ड करता है, तो इसमें बाउंसबैक की संभावना बनी रहेगी। अल्पकालिक निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है, जबकि दीर्घकालिक नजरिए से इसे ‘Accumulation Zone’ माना जा सकता है।

निवेशक भावनाओं में गिरावट, लेकिन सेक्टर में भरोसा बरकरार

Waaree Energies के शेयरों में गिरावट ने छोटे निवेशकों को परेशान जरूर किया है, लेकिन Renewable Energy सेक्टर की दीर्घकालिक संभावनाओं पर किसी को शक नहीं है। भारत सरकार की ओर से ग्रीन एनर्जी और सोलर मिशन को लेकर उठाए जा रहे कदम इस सेक्टर को आगे ले जाएंगे। Waaree जैसी कंपनियां, जो इस ट्रांजिशन में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं, उनके शेयर में लॉन्ग टर्म में मूल्य की संभावना बनी रहेगी।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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