जब भी हम सोलर पैनल खरीदने का विचार करते हैं, तो हमारे सामने मुख्य रूप से दो विकल्प होते हैं: पॉली और मोनो सोलर पैनल। दोनों प्रकार के सोलर पैनल का एक ही काम है- सूर्य से प्राप्त होने वाली सौर ऊर्जा से बिजली का उत्पादन करना। लेकिन इन सोलर पैनल में तकनीकी अंतर और उपयोग के तरीके अलग-अलग होते हैं। दोनों सोलर पैनल के बारे में जानने के बाद बेस्ट सोलर पैनल का अनुमान लगा सकते हैं।
पॉली और मोनो सोलर पैनल में से कौन सा पैनल बेस्ट?
सोलर पैनल का प्रयोग कर के सौर ऊर्जा से बिजली बनाई जाती है, बाजार में मुख्य रूप से पॉली और मोनो सोलर पैनल उपलब्ध रहते हैं। बजट एवं अपनी आवश्यकता के अनुसार आप सोलर पैनल का चयन कर सकते हैं, ऐसे में आपको बढ़िया लाभ प्राप्त होता है। एवं आप अपनी बिजली की जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकते हैं।
सोलर पैनल लगाने के लिए सरकार द्वारा भी देश के नागरिकों को पीएम सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना के माध्यम से सब्सिडी प्रदान की जा रही है। ऐसे में अधिक से अधिक नागरिक सोलर पैनल लगा सकते हैं।
पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल
पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स कई सिलिकॉन क्रिस्टल्स से मिलकर बने होते हैं। इनके सेल का रंग नीला होता है, और वे एक दूसरे में मिलते हुए पैटर्न में होते हैं। ये पैनल थोड़े कम एफिशिएंट होते हैं, लेकिन इनकी कीमत भी कम रहती है।
विशेषताएँ:
- किफायती: पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल्स की कीमत मोनोक्रिस्टलाइन पैनल्स की तुलना में कम रहती है।
- उपलब्धता: ये सोलर पैनल अधिक आसानी से उपलब्ध होते हैं।
- शक्तिशाली प्रदर्शन: पॉली सोलर पैनल भी अच्छी तरह से बिजली उत्पन्न कर सकते हैं, खासकर अगर जगह की कोई कमी न हो।
मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल
मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल उच्च शुद्धता वाले सिलिकॉन से बने होते हैं। इनके सेल्स एकल क्रिस्टल संरचना वाले होते हैं, जिनका रंग एक समान काला होता है। इस प्रकार के सोलर पैनल की दक्षता अधिक होती है और ये अधिक बिजली उत्पन्न कर सकते हैं।
विशेषताएँ:
- उच्च एफिशिएंसी: मोनोक्रिस्टलाइन पैनल की दक्षता पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल से अधिक होती है।
- दीर्घायु: मोनो पैनल अधिक समय तक चलते हैं, और इनकी वारंटी भी अधिक होती है।
- उच्च तापमान में भी करें काम: मोनोक्रिस्टलाइन पैनल उच्च तापमान में भी अच्छी तरह से काम करते हैं।
- आकर्षक दिखावट: इनके सेल अष्टभुजी (ऑक्टागोनल) होते हैं, जो इन्हें एकसमान काले रंग में दिखाते हैं।
पॉली और मोनो सोलर पैनल में तकनीकी अंतर
- सामग्री: मोनोक्रिस्टलाइन पैनल्स उच्च शुद्धता वाले एकल सिलिकॉन क्रिस्टल से बने होते हैं, जबकि पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल्स कई सिलिकॉन क्रिस्टल्स से बने होते हैं।
- प्रदर्शन: मोनोक्रिस्टलाइन पैनल्स कम रोशनी, खराब मौसम और उच्च तापमान में भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं, जबकि पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल्स सामान्य परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
- आकार और आकारिकी: मोनोक्रिस्टलाइन सेल्स अष्टभुजी (ऑक्टागोनल) होते हैं, जबकि पॉलीक्रिस्टलाइन सेल्स चतुर्भुजी (चौकोर) होते हैं।
यदि आपके पास 100 वर्ग फुट की छत है और आप अधिकतम बिजली उत्पादन चाहते हैं, तो मोनोक्रिस्टलाइन पैनल को खरीदें। वे उच्च एफिशिएंसी के कारण कम जगह में अधिक बिजली उत्पन्न कर सकते हैं। और यदि आपके पास बड़ी छत है और आप कम लागत में सोलर पैनल लगाना चाहते हैं, तो पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल्स एक किफायती विकल्प हो सकते हैं।
सोलर पैनल को खरीदने से पहले घर में बिजली के लोड की जानकारी रखें, ऐसे में आप सही क्षमता का सोलर सिस्टम लगा सकते हैं। मोनो सोलर पैनल अधिक कुशल सोलर पैनल होते हैं, लेकिन इस प्रकार के सोलर पैनल की कीमत अधिक रहती है, ये कम स्थान में भी लगाए जा सकते हैं। जबकि पॉली सोलर पैनल की कीमत कम रहती है, लेकिन इनकी दक्षता भी कम रहती है। कम बजट में पॉली सोलर पैनल का प्रयोग कर सकते हैं।