गर्मियों के मौसम में अधिक बिजली की जरूरत होती है, गर्मी से राहत प्रदान करने वाले अधिक लोड के उपकरणों को प्रयोग किया जाता है, ऐसे में उपभोक्ता को भारी बिल प्राप्त होता है, साथ ही अधिक बिजली के लोड के कारण कई बार पावर कट की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सोलर पैनल एक आधुनिक उपकरण बाजारों में उभर के आया है, इसके प्रयोग से बिजली बिल को कम कर सकते हैं।
कौन सा सोलर पैनल बेस्ट है?
अपने घर या किसी अन्य प्रतिष्ठान में सोलर पैनल लगाने से पहले कुछ महत्वपूर्ण जानकारी का होना आवश्यक है, जिसके बाद ही आप सही सोलर पैनल का चयन कर सकते हैं। सोलर पैनल लगाने से पहले जानें ये बिन्दु:-
- बिजली का लोड– सबसे पहले अपने घर में बिजली का लोड देखें, लोड की जानकारी को इलेक्ट्रिक मीटर, बिजली बिल या चलाए जाने वाले उपकरणों की रेटिंग से प्राप्त किया जा सकता है।
- पैनल का प्रकार– सोलर पैनल की दक्षता के अनुसार ही बिजली का उत्पादन किया जाता है, सोलर पैनल के प्रकार के आधार पर ही उनके द्वारा बिजली बनाई जाती है, ऐसे में सही सोलर पैनल का चयन करना जरूरी होता है।
- निर्माता ब्रांड– सोलर पैनल को बनाने वाले आज के समय में अनेक ब्रांड है, विश्वसनीय ब्रांड के सोलर पैनल को ही खरीदना चाहिए।
सोलर पैनल के प्रकार
- पालीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल– यह पारंपरिक तकनीक के सोलर पैनल होते हैं, कम कीमत होने के कारण ही इनका प्रयोग सबसे ज्यादा सोलर सिस्टम में किया जाता है। ऐसे सोलर पैनल की दक्षता कम होती है, ये खराब मौसम में बिजली नहीं बनाते हैं।
- मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल– इस प्रकार के सोलर पैनल की दक्षता अधिक रहती है, ये खराब मौसम में भी बिजली उत्पादन कर सकते हैं। इनकी कीमत अधिक रहती है, क्योंकि इनके प्रयोग से अधिक बिजली बनाई जा सकती है।
- बाइफेशियल सोलर पैनल– ये सबसे एडवांस सोलर पैनल होते हैं, इनके द्वारा दोनों ओर से बिजली बनाई जाती है। इस प्रकार के सोलर पैनल की दक्षता भी अधिक रहती है, इन्हें लगाने के लिए कम स्थान की जरूरत होती है।
बेस्ट सोलर पैनल के रूप में मोनोक्रिस्टलाइन एवं बाइफेशियल प्रकार के सोलर पैनल का प्रयोग आप कर सकते हैं। भारत के सोलर बाजार में टाटा, वारी, लूम, लुमिनस आदि ब्रांड के सोलर पैनल देखे जा सकते हैं।