
बिहार के भोजपुर जिले के एक निवासी मधुरेन्द्र सिंह आज देशभर में चर्चा का विषय बन चुके हैं। कारण यह है कि उनके घर में एसी, पंखा, कूलर, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन और मोटर जैसे सभी बिजली से चलने वाले उपकरण रोजाना बिना किसी बिजली बिल के चलते हैं। यह सब संभव हुआ है प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar Free Electricity Scheme) के अंतर्गत लगाए गए सोलर पैनल (Solar Panel) की बदौलत।
कैसे चलता है पूरा घर सोलर एनर्जी पर?
मधुरेन्द्र सिंह ने अपने भोजपुर जिले के बाबू बाजार स्थित मकान की छत पर सितंबर 2024 में 5 किलोवाट का सोलर पैनल सिस्टम लगवाया था। इस सिस्टम की कुल लागत करीब ₹4 लाख आई, लेकिन इसमें उन्हें ₹78000 की सरकारी सब्सिडी भी मिली। उन्होंने बताया कि इस सोलर सिस्टम से गर्मी के दिनों में प्रतिदिन करीब 30 यूनिट बिजली का उत्पादन होता है, जिसमें से सिर्फ 12 से 15 यूनिट का ही उपयोग घरेलू कार्यों में होता है। शेष बिजली बच जाती है, जिसे भविष्य में सरकार को बेचा जा सकता है।
बिजली बिल हुआ शून्य, बची बिजली बेचकर होगी कमाई
मधुरेन्द्र बताते हैं कि सोलर सिस्टम लगाने के बाद उनका बिजली बिल पूरी तरह से शून्य हो चुका है। सबसे खास बात यह है कि जितनी बिजली बचती है, उसे सरकार खरीदेगी, जिससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी होगी। इस योजना के तहत नेट मीटरिंग (Net Metering) की सुविधा भी मिलती है, जिससे उपभोक्ता अपने उपयोग से अधिक उत्पादित बिजली को ग्रिड में भेज सकते हैं और इसके बदले भुगतान प्राप्त कर सकते हैं।
पीएम सूर्य घर योजना के अंतर्गत सब्सिडी और ऋण सुविधा
सरकार द्वारा चलायी जा रही प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना का मकसद है हर घर को स्वच्छ और किफायती ऊर्जा उपलब्ध कराना। इसके तहत सोलर पैनल लगाने पर निम्नलिखित सब्सिडी मिलती है:
- 1 किलोवाट पर ₹30000
- 2 किलोवाट पर ₹60000
- 3 किलोवाट या उससे अधिक पर ₹78000
साथ ही, इस योजना के अंतर्गत उपभोक्ता अधिकतम ₹2 लाख तक का ऋण भी 7% ब्याज दर पर प्राप्त कर सकते हैं। यह ऋण विभिन्न बैंकों से उपलब्ध कराया जा रहा है।
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योजना का लाभ लेने के लिए कहां करें आवेदन?
जो उपभोक्ता इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वे www.pmsuryaghar.gov.in वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, टोल-फ्री नंबर 15555 पर कॉल करके भी अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
भोजपुर में बढ़ रही है रिन्यूएबल एनर्जी की भागीदारी
भोजपुर जिले में दिसंबर 2024 से अब तक 44 उपभोक्ता अपने घरों में सोलर पैनल लगाकर खुद बिजली का उत्पादन कर रहे हैं। इसके अलावा 1500 उपभोक्ताओं ने साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (South Bihar Power Distribution Company) को आवेदन भेजा है। इनमें से 900 आवेदन विद्युत आपूर्ति प्रमंडल आरा और 600 आवेदन विद्युत आपूर्ति प्रमंडल जगदीशपुर से हैं।
पर्यावरण के लिए वरदान है यह योजना
सोलर एनर्जी यानी रिन्यूएबल एनर्जी के जरिए न केवल बिजली की बचत होती है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी बेहद लाभकारी है। इसमें न तो कोई प्रदूषण होता है और न ही किसी प्रकार की ध्वनि। इस योजना से ना केवल उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली मिल रही है बल्कि देश को भी स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ने का एक अवसर मिल रहा है।
सोलर सिस्टम की उम्र और रखरखाव
बिजली विभाग के अनुसार यदि सोलर पैनल की नियमित रूप से सफाई और रखरखाव किया जाए तो यह कम से कम 25 वर्षों तक सुचारू रूप से काम करता है। शहरी क्षेत्रों में 4 से 5 साल में और ग्रामीण क्षेत्रों में 7 से 8 साल में इसकी लागत की भरपाई हो जाती है।
मधुरेन्द्र सिंह को कहां से आया यह आइडिया?
मधुरेन्द्र सिंह ने बताया कि यह आइडिया उन्हें पटना में रहने वाले कुछ मित्रों से मिला, जिन्होंने पहले ही अपने घरों में सोलर सिस्टम लगवा रखा था। उनसे प्रेरणा लेकर उन्होंने योजना की जानकारी विभागीय वेबसाइट से प्राप्त की और फिर अपने घर में सिस्टम लगवाया। आज वे न सिर्फ बिजली बचा रहे हैं, बल्कि भविष्य में उससे कमाई भी करने जा रहे हैं।