सोलर पैनल (Solar Panel) का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है और कई लोग इस टेक्नोलॉजी का लाभ उठा रहे हैं। लेकिन सोलर पैनल इंस्टॉल करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए ताकि आप सही कीमत पर अच्छा सोलर सिस्टम इंस्टॉल करवा सकें और मुफ्त बिजली का आनंद ले सकें।
जिससे आप एक सही एवं कुशल सोलर सिस्टम स्थापित कर सकते हैं, जो आपको लंबे समय तक बिजली प्रदान करेगा। एक कुशल सोलर सिस्टम के लिए कुछ बिदुओं की जानकारी का होना आवश्यक है। ऐसे में आर्थिक नुकसान से बचा जा सकता है।
सोलर पैनल लगवाने से पहले जरूरी हैं ये 5 बातें
घर में सोलर पैनल लगाने से पहले आपको सोलर सिस्टम की जानकारी होनी चाहिए, जिसमें सोलर पैनल एक महत्वपूर्ण उपकरण होता है, जिसके द्वारा सौर ऊर्जा से बिजली का निर्माण किया जाता है। सोलर पैनल से जुड़ी मुख्य जानकारी इस प्रकार रहती है।
सोलर पैनलों के प्रकार और टेक्नोलॉजी
आज के समय में सोलर पैनल मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं: पॉलीक्रिस्टलाइन और मोनोक्रिस्टलाइन। जिनकी सामान्य जानकारी इस प्रकार है:-
- पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल: इनमें कई क्रिस्टल होते हैं और ये मोनोक्रिस्टलाइन पैनल की तुलना में कम ऊर्जा परिवर्तन एफिशिएंसी प्रदान करते हैं। इस प्रकार के सोलर पैनल नीले रंग के होते हैं, इनका प्रयोग सबसे अधिक सोलर सिस्टम में किया जाता है, क्योंकि ऐसे सोलर पैनल की कीमत कम होती है।
- मोनोक्रिस्टलाइन पैनल: ये हाई क्वालिटी के सिलिकॉन से बने होते हैं और सोलर एनर्जी को ज्यादा दक्ष तरीके से बिजली में कन्वर्ट कर के उच्च ऊर्जा आउटपुट प्रदान करते हैं। इस प्रकार के सोलर पैनल काले रंग या गहरे नीले रंग में बाजार में देखे जा सकते हैं। इनके द्वारा कम रोशनी में भी बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। ऐसे सोलर पैनल का प्रयोग कर के अधिक बिजली उत्पादन किया जा सकता है।
इनके अतिरिक्त बाइफेशियल प्रकार का सोलर पैनल एक एडवांस सोलर पैनल होता है, जिसकी सहायता से आप दोनों ओर से बिजली का उत्पादन कर सकते हैं। ऐसे सोलर पैनल सामने की ओर से सूर्य की सीधी रोशनी से एवं पीछे की ओर से albedo लाइट से बिजली का निर्माण कर सकते हैं। इस प्रकार के सोलर पैनल की कीमत अधिक होती है। इस प्रकार के सोलर पैनल से अधिक लाभ यूजर को प्राप्त होते हैं।
सेल टाइप को भी चेक करें
सोलर पैनल के अंदर सोलर सेल लगे होते हैं, जो अर्द्धचालक पदार्थों जैसे सिलिकॉन की सहायता से बनाए जाते हैं, इनके द्वारा ही सौर ऊर्जा प्राप्त होने पर मुक्त इलेक्ट्रॉन प्रवाहित कर के बिजली का निर्माण किया जाता है।
- पॉलीक्रिस्टलाइन सेल: अक्सर नीले रंग की होती हैं और इनकी दक्षता कम होती है। इनके द्वारा उचित धूप प्राप्त होने पर ही बिजली का उत्पादन किया जा सकता है।
- मोनोक्रिस्टलाइन सेल: काले रंग की होती हैं और लिमिटेड स्पेस में हाई एनर्जी प्रोडक्शन के लिए ज्यादा एफिशिएंट होती हैं। ऐसे सोलर सेल वाले पैनल से अधिक बिजली बनाई जा सकती है।
सोलर पैनल में उपयोग में लिया जाने वाला फ्रेम मटेरियल
सोलर पैनल की सुरक्षा के लिए फ्रेम सोलर पैनल पर लगाया जाता है, अधिकांश सोलर पैनल पर एल्यूमीनियम फ्रेम लगा होता है, जो इस प्रकार रहता है:-
- एल्यूमीनियम फ्रेम: यह फ्रेम मजबूती और लंबे समय तक प्रयोग किया जा सकता है, एल्यूमीनियम फ्रेम खराब मौसम की कंडीशन का सामना आसानी से कर सकते हैं और आमतौर पर 20 साल तक की वारंटी के साथ आते हैं। सोलर पैनल को बाह्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए इस प्रकार के उपकरणों का प्रयोग किया जाता है।
जंक्शन बॉक्स
जंक्शन बॉक्स सोलर पैनल के पीछे लगा होता है, इसका चयन समझदारी का साथ करना चाहिए, इसकी जानकारी इस प्रकार है:-
- वाटरप्रूफ जंक्शन बॉक्स: IP68 रेटिंग के साथ आने वाले जंक्शन बॉक्स आपके सोलर पैनल में लगे इलेक्ट्रिकल कनेक्शन को बुरे मौसम, मॉइस्चर और अन्य हानिकारक चीज़ों से बचाते हैं। जिससे सोलर पैनल के अंदर लगा सर्किट सुरक्षित रहता है। सोलर पैनल में जंक्शन बॉक्स का मजबूत होना आवश्यक होता है।
सोलर उपकरणों की वारंटी
किसी भी सोलर उपकरण पर निर्माता ब्रांड द्वारा वारंटी प्रदान की जाती है, जिससे यूजर को ब्रांड की विश्वसनीयता पर विश्वास होता है। सोलर उपकरणों पर दी जाने वाली वारंटी की जानकारी इस प्रकार रहती है:-
- हमेशा अपने सोलर उपकरणों की वारंटी और टर्म्स को ध्यान से पढ़ें। इससे आपको भविष्य में किसी भी हाई मेंटेनेंस कास्ट से बचने में मदद मिलेगी। विश्वसनीय सोलर निर्माता से ही सोलर उपकरणों को खरीदें और उनकी वारंटी कंडीशन को ध्यान में रखें। जिससे सोलर सिस्टम को लंबे समय तक प्रयोग किया जा सकता है।
घर में सोलर पैनल स्थापित करना एक महत्वपूर्ण निर्णय है जो न केवल आपके बिजली बिल को कम करेगा बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रखेगा। सोलर सिस्टम के प्रयोग से बिजली के द्वारा ग्रिड बिजली के बिल को कम किया जा सकता है। सोलर सिस्टम लगाने के लिए सरकार भी सब्सिडी योजनाएं चला रही हैं।