15 kW सोलर सिस्टम की कीमत जानकर हो जाएंगे हैरान! जानें कितना खर्च आता है इस बड़े सिस्टम पर

क्या आप सोच रहे हैं कि 15kW का सोलर सिस्टम लगवाना महंगा पड़ेगा? तो आपको जानकर हैरानी होगी कि अब इतना बड़ा सिस्टम भी बेहद किफायती कीमत में मिल रहा है! जानिए इसकी पूरी लागत, इंस्टॉलेशन खर्च, सब्सिडी और इससे होने वाली बचत के बारे में पूरी जानकारी आपको चौंका देगी!

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Written by Rohit Kumar

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15 kW सोलर सिस्टम की कीमत जानकर हो जाएंगे हैरान! जानें कितना खर्च आता है इस बड़े सिस्टम पर
15 kW सोलर सिस्टम की कीमत जानकर हो जाएंगे हैरान! जानें कितना खर्च आता है इस बड़े सिस्टम पर

भारत में 15 kW की सोलर (छत पर) सिस्टम अब सिर्फ एक पर्यावरणीय विकल्प नहीं, बल्कि आर्थिक रूप से भी समझदारी भरा निवेश बनता जा रहा है। खासकर शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में, जहां बिजली की खपत तेजी से बढ़ रही है, वहां यह सिस्टम बिजली के भारी बिल से राहत का साधन बनता जा रहा है। सरकार की Renewable Energy को बढ़ावा देने की योजनाएं और लोगों की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ती सोच इस तकनीक को लोकप्रिय बना रही है। लेकिन जब उपभोक्ता इसकी असली कीमत जानता है, तो वह अक्सर हैरान रह जाता है, क्योंकि 15 kW सोलर सिस्टम की लागत ₹7.5 लाख से ₹13.5 लाख तक पहुंच सकती है।

15 kW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम की औसत कीमत कितनी है?

यदि कोई उपयोगकर्ता केवल ऑन-ग्रिड सिस्टम लगवाना चाहता है जिसमें बैटरी शामिल नहीं होती और बिजली सीधे ग्रिड से जुड़ी रहती है, तो इसकी अनसब्सिडाइज्ड कीमत ₹7.5 लाख से ₹13.5 लाख के बीच हो सकती है। इसमें प्रमुख उपकरण जैसे सोलर पैनल, इन्वर्टर, माउंटिंग स्ट्रक्चर, वायरिंग, इंस्टॉलेशन चार्ज और GST शामिल होते हैं। यह कीमत कई कारकों पर निर्भर करती है – जैसे इस्तेमाल की जाने वाली टेक्नोलॉजी, ब्रांड, इंस्टॉलेशन कंपनी और स्थान विशेष।

उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में, जहां बिजली की दरें राष्ट्रीय औसत से अधिक हैं, वहां यह सिस्टम ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। यूपी में 15 kW ऑन-ग्रिड सिस्टम की औसत कीमत ₹7.9 लाख से ₹8.7 लाख के बीच देखी गई है। यह व्यवस्था उन घरों के लिए आदर्श है जहां AC, वॉटर हीटर और अन्य हाई-कंजंप्शन डिवाइस का नियमित इस्तेमाल होता है।

क्या 15 kW सोलर सिस्टम पर मिलती है सरकारी सब्सिडी?

MNRE (Ministry of New and Renewable Energy) के दिशानिर्देशों के अनुसार 10 kW से ऊपर के घरेलू सोलर सिस्टम्स पर कोई सीधी केंद्रीय सब्सिडी नहीं दी जाती है। हालांकि, 3 kW तक की क्षमता पर 40% और 3 से 10 kW के बीच 20% सब्सिडी अवश्य उपलब्ध है। यानी यदि कोई उपभोक्ता 15 kW सिस्टम लगवाना चाहता है, तो उसे केंद्र सरकार की सीधी सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा।

हाल ही में शुरू हुई PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana के तहत जरूर कुछ सीमित राहत दी जाती है। इस योजना के तहत 15 kW सिस्टम पर अधिकतम ₹78,000 तक की वित्तीय सहायता संभव है, लेकिन यह राशि कुल लागत के अनुपात में काफी कम है। यदि उपभोक्ता को अधिक सब्सिडी की आवश्यकता है, तो उसे अपने सिस्टम की क्षमता 10 kW तक सीमित रखनी चाहिए।

हाइब्रिड या बैटरी आधारित सिस्टम की लागत कितनी होती है?

यदि उपभोक्ता अतिरिक्त सुविधा के लिए अपने सोलर सिस्टम में बैटरी बैकअप जोड़ता है या हाइब्रिड सोलर सिस्टम चुनता है, तो लागत में उल्लेखनीय वृद्धि हो जाती है। 15 kW के हाइब्रिड या बैटरी-आधारित सिस्टम की कीमत ₹11 लाख से ₹13.5 लाख तक हो सकती है। इसमें लिथियम-आयन या ट्यूबलर बैटरियों का इस्तेमाल होता है, जो महंगी होती हैं और जिनका समय-समय पर रखरखाव या रिप्लेसमेंट जरूरी होता है।

वहीं, पूरी तरह से ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम, जो ग्रिड से बिल्कुल भी जुड़े नहीं होते, उनकी कीमत ₹10 लाख से ₹12 लाख तक आ सकती है। ये सिस्टम खासकर उन क्षेत्रों के लिए आदर्श हैं जहां बिजली की उपलब्धता सीमित है या बार-बार बिजली कटौती होती है।

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उत्तर प्रदेश में 15 kW सोलर सिस्टम की स्थिति

उत्तर प्रदेश में 15 kW सोलर सिस्टम की मांग तेजी से बढ़ रही है और यहां की कीमतें अन्य राज्यों की तुलना में कुछ कम भी हैं। ऑन-ग्रिड सिस्टम की औसत लागत ₹7.9 लाख से ₹8.7 लाख के बीच आती है। यदि किसी उपभोक्ता को राज्य सरकार या केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत ₹78,000 तक की सब्सिडी मिलती है, तो यह लागत घटकर ₹6.8 लाख से ₹7.6 लाख तक रह सकती है।

हालांकि यह ध्यान देना जरूरी है कि इस सब्सिडी को प्राप्त करने के लिए उपभोक्ता को एक लंबी आवेदन प्रक्रिया से गुजरना होता है जिसमें पात्रता की जांच, दस्तावेज़ीकरण और अनुमोदन में समय लग सकता है।

नेट-मीटरिंग से कैसे होगी बिजली बिल में बचत?

नेट-मीटरिंग (Net Metering) एक ऐसा सिस्टम है जो उपभोक्ताओं को अतिरिक्त उत्पन्न बिजली को ग्रिड में भेजने की अनुमति देता है। इसके बदले उपभोक्ता को बिजली बिल में क्रेडिट या छूट मिलती है। यह व्यवस्था खासकर उन घरों के लिए उपयोगी है जहां दिन के समय बिजली की खपत कम होती है, लेकिन सोलर सिस्टम अधिक बिजली पैदा करता है।

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) और अन्य राज्य डिस्कॉम इस सुविधा को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं को उनके बिजली बिल में बड़ी बचत देखने को मिल रही है। एक अनुमान के अनुसार, एक 15 kW सिस्टम सालाना लगभग ₹1.5 लाख तक की बिजली बचा सकता है।

क्या 15 kW सिस्टम एक समझदारी भरा निवेश है?

भले ही 15 kW सिस्टम की प्रारंभिक लागत अधिक हो, लेकिन यह एक दीर्घकालिक निवेश के रूप में देखा जाना चाहिए। अगर उपभोक्ता अपने घर या वाणिज्यिक भवन में ऐसा सिस्टम लगवाता है, तो 5 से 7 साल में यह लागत रिकवर हो सकती है और इसके बाद उसे लगभग मुफ्त बिजली मिलती रहती है। इसके साथ ही यह पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक होता है और कार्बन फुटप्रिंट को कम करता है।

किसे लगवाना चाहिए 15 kW सोलर सिस्टम?

यदि आपके पास पर्याप्त छत की जगह, उच्च बिजली खपत और बजट की कमी नहीं है, तो 15 kW सोलर सिस्टम आपके लिए आदर्श हो सकता है। हालांकि, यदि आप सब्सिडी पर निर्भर हैं या आपका बजट सीमित है, तो आपको 10 kW या उससे कम की क्षमता वाला सिस्टम लगाने की सलाह दी जाती है ताकि आप सरकारी लाभों का अधिकतम उपयोग कर सकें।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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