MERC का बड़ा फैसला! महाराष्ट्र में सोलर पावर जनरेटर्स पर अनजस्ट वीलिंग चार्ज अब नहीं चलेगा

MERC ने MSEDCL द्वारा तीन सौर ऊर्जा कंपनियों से वसूले गए ₹1.54 करोड़ के वीलिंग चार्ज को अनुचित करार दिया है। इन कंपनियों ने बिजली ट्रांसमिशन नेटवर्क के जरिए भेजी थी, Distribution नेटवर्क का उपयोग नहीं किया गया था। यह फैसला Renewable Energy उत्पादकों को अनुचित शुल्कों से राहत देता है और राज्य में हरित ऊर्जा निवेश को बल देगा।

Photo of author

Written by Rohit Kumar

Published on

MERC का बड़ा फैसला! महाराष्ट्र में सोलर पावर जनरेटर्स पर अनजस्ट वीलिंग चार्ज अब नहीं चलेगा
MERC का बड़ा फैसला

महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग (MERC) ने Renewable Energy सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। आयोग ने महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (MSEDCL) द्वारा सौर ऊर्जा उत्पादकों पर लगाए गए वीलिंग चार्ज को अनुचित करार दिया है। यह निर्णय न केवल सौर ऊर्जा उत्पादकों के लिए राहत का कारण बना है, बल्कि इससे राज्य में Renewable Energy में निवेश की संभावनाओं को भी बल मिलेगा।

MSEDCL ने मई 2023 से मार्च 2024 के बीच TP सोलापुर सौऱ्य, TP आर्य सौऱ्य, और TP एकादश नामक तीन सौर ऊर्जा कंपनियों से वीलिंग चार्ज के तौर पर लगभग ₹1.54 करोड़ वसूले थे। MERC ने स्पष्ट किया है कि ये चार्ज असंगत थे और MSEDCL को इसे ब्याज सहित वापस लौटाना होगा। इसके अलावा, इन कंपनियों से काटे गए 2.10 मिलियन यूनिट ऊर्जा को भी उनके खातों में पुनः जोड़ा जाएगा।

वीलिंग चार्ज विवाद की जड़ में क्या था

इस पूरे विवाद का केंद्र बिंदु था कि इन सौर ऊर्जा कंपनियों ने अपनी उत्पन्न बिजली को सीधे महाराष्ट्र राज्य विद्युत ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (MSETCL) के 132 kV ट्रांसमिशन नेटवर्क में भेजा, न कि MSEDCL के वितरण नेटवर्क के माध्यम से। जब वितरण नेटवर्क का उपयोग ही नहीं हुआ, तो फिर वीलिंग चार्ज और वीलिंग लॉस की मांग ही अप्रासंगिक हो जाती है।

MERC ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए फैसला सुनाया कि यदि कोई सौर उत्पादक Distribution नेटवर्क का उपयोग नहीं कर रहा है, तो MSEDCL को वीलिंग चार्ज या लॉस की वसूली का कोई अधिकार नहीं है। यह निर्णय कानूनी, तकनीकी और नीतिगत दृष्टिकोण से Renewable Energy सेक्टर के लिए एक नई दिशा तय करता है।

Also Readकिसानों के लिए खुशखबरी! पीएम कुसुम योजना 2026 तक बढ़ी – जानें कैसे मिलेगा मुफ्त सोलर पंप

किसानों के लिए खुशखबरी! पीएम कुसुम योजना 2026 तक बढ़ी – जानें कैसे मिलेगा मुफ्त सोलर पंप

Renewable Energy निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत

MERC का यह निर्णय सौर ऊर्जा निवेशकों और उत्पादकों के लिए एक बड़ा आश्वासन है। यह न केवल उन्हें अनावश्यक शुल्कों से राहत देता है, बल्कि Renewable Energy को अपनाने के लिए अनुकूल वातावरण भी बनाता है। नीति निर्धारकों को यह दिखाने में भी यह आदेश सहायक होगा कि जब नियामक संस्थाएं पारदर्शिता और न्याय का पालन करती हैं, तो हरित ऊर्जा की ओर कदम और सशक्त हो जाते हैं।

इस निर्णय से अन्य राज्यों के नियामक आयोगों को भी दिशा मिल सकती है कि वे ऐसी व्यवस्था बनाएं जिसमें सौर उत्पादकों को Distribution कंपनियों की मनमानी से बचाया जा सके।

Also ReadNTPC vs NHPC: Q4 नतीजों के बाद आपके पोर्टफोलियो में कौन-सा पावर स्टॉक होना चाहिए? जानिए एक्सपर्ट की राय

NTPC vs NHPC: Q4 नतीजों के बाद आपके पोर्टफोलियो में कौन-सा पावर स्टॉक होना चाहिए? जानिए एक्सपर्ट की राय

Author
Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें