मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय के मुख्य सेवक सदन में उरेडा द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण एवं शुभारंभ किया। इस मौके पर उरेडा के पोर्टल www.uredaonline.uk.gov.in का भी शुभारंभ किया गया, जिससे योजना में आवेदन और अनुदान निर्गत किया जा सकेगा।
- सोलर पावर प्लांट और सोलर वाटर हीटर:
- 27 भवनों पर 1.26 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट और 44 भवनों पर 48,400 लीटर क्षमता के सोलर वाटर हीटर का उद्घाटन।
- मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना:
- 47 लाभार्थियों को परियोजना आवंटन पत्र और 4 लाभार्थियों को पीएम सूर्यघर योजना के तहत अनुदान के चेक प्रदान किए गए।
- नवीकरणीय ऊर्जा का महत्व:
- मुख्यमंत्री ने नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते महत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन और 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनने के लक्ष्यों पर जोर दिया।
- पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों को सौर पंप और सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए सब्सिडी और समर्थन प्राप्त हो रहा है।
- रूफटॉप सोलर प्लांट:
- केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 70% सब्सिडी, पीएम सूर्यघर योजना के तहत 734 लाभार्थियों को 3.72 करोड़ रुपये का अनुदान।
- घरेलू और गैर-घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सोलर वाटर हीटर संयंत्र की स्थापना पर 30 से 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है।
- सौर स्वरोजगार योजना:
- 750 विकासकर्ताओं को 133 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट, 2026 तक 250 मेगावाट की स्थापना का लक्ष्य।
- पर्यावरण संरक्षण और रोजगार:
- नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी प्रदान करती हैं।
- सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलते हैं और यह क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा देती है।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सौर ऊर्जा राज्य में स्वरोजगार को बढ़ावा देने और ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उत्तराखंड में ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने में सौर ऊर्जा का विशेष महत्व है।
नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग के प्रति जागरूक किया
मुख्यमंत्री ने लोगों को नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग के प्रति जागरूक करने और इसे अपनाने के लिए प्रेरित किया। राजकीय स्कूलों और कॉलेजों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने पर जोर दिया जा रहा है ताकि विद्यार्थी भी इस तकनीक के लाभों को समझ सकें।उरेडा द्वारा विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि लोग सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना और रखरखाव के बारे में जान सकें।