भारत में ऊर्जा की बढ़ती मांग और रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) के क्षेत्र में नए-नए इनोवेशन के चलते वर्टीकल बाइफेसियल सोलर पैनल (Vertical Bifacial Solar Panels) की तकनीक का जल्द ही बाजार में प्रवेश होने वाला है। यह नई प्रौद्योगिकी सोलर पैनल्स के उपयोग में क्रांति लाने का वादा करती है, क्योंकि इसमें ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों का उपयोग किया जाता है। पारंपरिक सोलर पैनल्स के मुकाबले, ये पैनल अधिक ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता रखते हैं और इसके साथ-साथ इनका वातावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
वर्टीकल बाइफेसियल सोलर पैनल का डिजाइन
वर्टीकल बाइफेसियल सोलर पैनल दोनों तरफ फोटोवोल्टिक (PV) सेल से लैस होते हैं, जो सूर्य की रोशनी को दोनों दिशा से कैप्चर करते हैं। यह पैनल सुबह एक तरफ और दोपहर के समय दूसरी दिशा से आने वाली सूर्य की रोशनी से बिजली उत्पन्न करते हैं, जिससे इनकी ऊर्जा उत्पादन क्षमता पारंपरिक एक तरफा पैनल्स के मुकाबले अधिक होती है।
इन पैनलों का डिजाइन और स्थापना की दिशा विशेष रूप से पूर्व और पश्चिम दिशा में होती है, जिससे इनका उपयोग संकीर्ण और सीमित स्थानों पर भी किया जा सकता है। ये पैनल अपने एल्बेडो प्रभाव का लाभ उठाते हैं, जो सूर्य के प्रकाश के परावर्तन से उत्पन्न होता है। हल्की रंग की सतहों जैसे रेत या सफेद छतों से परावर्तित सूर्य की रोशनी ऊर्जा उत्पादन को और बढ़ाती है।
बाइफेसियल सोलर पैनल का ऊर्जा उत्पादन
LONGi द्वारा 2018 में किए गए अध्ययन के अनुसार, वर्टीकल बाइफेसियल पैनल क्षेत्र, सतह परावर्तकता और स्थापना कारकों के आधार पर ऊर्जा उत्पादन को 5-30% तक बढ़ाते हैं। यह पैनल विशेष रूप से उन स्थानों पर फायदेमंद होते हैं, जहां परंपरागत सोलर पैनल्स की स्थापना कठिन होती है। वर्टीकल स्थापना इन पैनलों को ठंडा रखती है, जिससे इनका प्रदर्शन बेहतर होता है। इसके अलावा, बर्फ, ओलों और मलबे के संचय का भी इन पैनलों पर न्यूनतम असर पड़ता है, जो कि सामान्यत: अन्य पैनलों में समस्या उत्पन्न कर सकते हैं।
वर्टीकल बाइफेसियल सोलर पैनल के द्वारा जगह का अधिकतम उपयोग
वर्टीकल बाइफेसियल पैनल की खासियत यह है कि इन्हें खेतों, ग्रीनहाउसों, पार्किंग लॉट्स और हाईवे जैसे स्थानों पर भी आसानी से स्थापित किया जा सकता है। ये पैनल बाड़ या डिवाइडर के रूप में कार्य करते हैं, जिससे जमीन का अधिकतम उपयोग किया जा सकता है। जर्मनी में “नेक्स्ट2सन” जैसे सिस्टम्स ने सोलर एनर्जी और कृषि को जोड़ने में सफलता प्राप्त की है, जहाँ पैनलों के बीच आलू, घास और अन्य फसलें उगाई जाती हैं। इस तरीके से कृषि और ऊर्जा उत्पादन दोनों में वृद्धि होती है।
पर्यावरणीय और आर्थिक फायदे
वर्टीकल बाइफेसियल पैनल के उपयोग से ऊर्जा उत्पादन में सुधार होता है, जिससे गैस पावर प्लांट्स पर निर्भरता कम होती है। ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, यदि इस तकनीक को बड़े पैमाने पर अपनाया जाता है तो यू.एस. में कार्बन उत्सर्जन में हर साल लगभग 330,000 टन की कमी आ सकती है।
इन पैनलों की क्षमता का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि एक 6 किलोवाट का वर्टिकल बाइफेसियल सिस्टम हर साल लगभग 9,000 किलोवाट-घंटा बिजली उत्पन्न कर सकता है, जिससे सालाना 1,440 डॉलर की बचत होती है। इसके अलावा, यह एग्रीवोल्टेइक सिस्टम ग्रामीण क्षेत्रों में 1,00,000 से अधिक नौकरियों का सृजन भी कर सकता है, बिना फसल उत्पादन पर ज्यादा असर डाले।
चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा
हालांकि वर्टीकल बाइफेसियल पैनल्स की लागत मोनोफेशियल सोलर पैनल्स के मुकाबले 10-20 सेंट प्रति वाट अधिक है, लेकिन बढ़ती ऊर्जा उत्पादन क्षमता के कारण यह लागत समय के साथ पूरी तरह से वसूल हो सकती है। यह तकनीक वर्तमान में विशेष रूप से वाणिज्यिक, कृषि और बड़े पैमाने पर उपयोगिता अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त मानी जाती है, और अभी तक यह औसत घरेलू उपयोगकर्ताओं के लिए किफायती नहीं हो सकती है।
जर्मनी की सनज़ौन और अमेरिका की नेक्स्ट2सन जैसी कंपनियाँ कृषि क्षेत्रों में वर्टीकल सोलर पैनल्स के सफल उपयोग को प्रदर्शित कर चुकी हैं और इस क्षेत्र में नवाचार करने में लगी हुई हैं।
- वर्टीकल बाइफेसियल सोलर पैनल क्या होते हैं?
वर्टीकल बाइफेसियल सोलर पैनल्स दोनों तरफ फोटोवोल्टिक (PV) सेल्स से लैस होते हैं, जो सूर्य की रोशनी को दोनों दिशा से कैप्चर करते हैं, जिससे अधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है। - वर्टीकल सोलर पैनल की ऊर्जा उत्पादन क्षमता पारंपरिक पैनल्स से अधिक क्यों होती है?
यह पैनल सूर्य की रोशनी को दोनों तरफ से कैप्चर करते हैं, साथ ही परावर्तित सूर्य प्रकाश (एल्बेडो प्रभाव) का उपयोग करके अधिक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। - क्या वर्टीकल सोलर पैनल्स का उपयोग कृषि में किया जा सकता है?
जी हाँ, वर्टीकल सोलर पैनल्स कृषि क्षेत्रों में स्थापित किए जा सकते हैं और इससे फसल उत्पादन में वृद्धि हो सकती है। यह पैनल कृषि और सोलर एनर्जी दोनों के लिए उपयोगी होते हैं। - क्या वर्टीकल बाइफेसियल सोलर पैनल्स की लागत पारंपरिक पैनल्स से अधिक है?
हां, इनकी लागत पारंपरिक सोलर पैनल्स से 10-20 सेंट प्रति वाट अधिक होती है, लेकिन अधिक ऊर्जा उत्पादन के कारण यह लागत समय के साथ वसूल हो सकती है। - वर्टीकल सोलर पैनल्स के फायदे क्या हैं?
यह पैनल ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि करते हैं, पर्यावरणीय लाभ प्रदान करते हैं और कृषि उत्पादकता को भी बढ़ाते हैं। साथ ही, इनका कम रखरखाव और प्रभावी कार्य प्रदर्शन भी एक बड़ा लाभ है।