भारत ने 2024 के पहले हाफ में Renewable Energy के क्षेत्र में एक बड़ा मील का पत्थर हासिल किया है। देश ने कुल 15 गीगावाट (GW) सोलर प्रोडक्शन कैपेसिटी जोड़ी है, जो न केवल रिकॉर्ड ब्रेकिंग है, बल्कि 2023 के पहले हाफ की तुलना में 282% की ग्रोथ को दर्शाता है। 2023 के पहले 6 महीनों में जहां भारत केवल 3.89 गीगावाट की सोलर कैपेसिटी जोड़ पाया था, 2024 में यह आंकड़ा 15 गीगावाट तक पहुंच गया।
इस बड़ी उपलब्धि के साथ भारत की कुल सोलर इंस्टॉल्ड कैपेसिटी जून 2024 तक 87.2 गीगावाट हो गई है। यह ग्रोथ कई बड़े प्रोजेक्ट्स की समय पर कमीशनिंग और सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन की वजह से संभव हो पाई है।
यूटिलिटी-स्केल और रुफटॉप सोलर में अहम योगदान
जून 2024 के अंत तक, भारत की सोलर कैपेसिटी में यूटिलिटी-स्केल प्रोजेक्ट्स का हिस्सा 87% है, जबकि 13% हिस्सा रूफटॉप सोलर का है। यह रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन मुख्यतः सरकार की सब्सिडी योजनाओं और उपभोक्ताओं की बढ़ती रुचि की वजह से संभव हुआ।
सोलर एनर्जी अब देश की कुल इंस्टॉल्ड Renewable Energy कैपेसिटी में 44% योगदान देती है। इसके साथ ही, यह देश की टोटल एनर्जी कैपेसिटी का 19.5% हिस्सा भी बन चुकी है।
लागत में गिरावट और ग्रोथ के संकेत
सोलर प्रोजेक्ट्स की लागत में गिरावट एक अहम फैक्टर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, बड़े सोलर प्रोजेक्ट्स की ओवरऑल लागत में सालाना 26% (YoY) और तिमाही 2% (QoQ) की कमी आई है। यह ट्रेंड दिखाता है कि भारत सोलर एनर्जी को अधिक किफायती और सुलभ बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
2030 तक 280 गीगावाट का लक्ष्य
भारत का Renewable Energy क्षेत्र 2030 तक 280 गीगावाट सोलर कैपेसिटी का लक्ष्य लेकर चल रहा है। 2024 में हुई ग्रोथ ने इस लक्ष्य की ओर भारत के कदम और भी मजबूत कर दिए हैं। रिपोर्ट्स बताती हैं कि बेहतर ग्रिड कनेक्टिविटी, उपकरणों की समय पर आपूर्ति, और टेंडर व ऑक्शन में वृद्धि ने इस सेक्टर को बढ़ावा दिया है।
2024 के पहले 6 महीनों में भारत ने कुल 41.4 गीगावाट के सोलर टेंडर जारी किए, जो 2023 के H1 के मुकाबले 51% अधिक हैं। इसके अलावा, इसी अवधि में 31.8 गीगावाट के प्रोजेक्ट्स का ऑक्शन किया गया, जो 2023 के H1 की तुलना में 321% की बढ़ोतरी को दर्शाता है।
भविष्य के संकेत: ग्रोथ की नई संभावनाएं
सोलर एनर्जी में 2024 की यह सफलता केवल शुरुआत है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में बड़े सोलर प्रोजेक्ट्स की संख्या में और वृद्धि होगी। भारत का Renewable Energy इंफ्रास्ट्रक्चर अब और मजबूत हो रहा है, जिसमें निजी और सरकारी निवेश की अहम भूमिका है।
देश में बड़े स्तर पर Green Energy को अपनाने की दिशा में यह माइलस्टोन आने वाले सालों में Global Solar Market में भारत की स्थिति को और भी मजबूत करेगा।
FAQ
1. भारत ने 2024 के पहले 6 महीनों में कितनी सोलर कैपेसिटी ऐड की?
भारत ने 2024 के पहले हाफ में 15 गीगावाट सोलर कैपेसिटी जोड़ी है।
2. यह ग्रोथ 2023 के मुकाबले कितनी ज्यादा है?
2023 के H1 की तुलना में 2024 में 282% की ग्रोथ हुई है।
3. भारत की कुल सोलर कैपेसिटी अब कितनी हो गई है?
जून 2024 तक भारत की कुल सोलर कैपेसिटी 87.2 गीगावाट हो गई है।
4. क्या वजह रही इस ग्रोथ की?
इस ग्रोथ का कारण है बड़े प्रोजेक्ट्स की कमीशनिंग, रूफटॉप सोलर में वृद्धि, और सोलर प्रोजेक्ट्स की लागत में कमी।
5. 2024 में कितने टेंडर और प्रोजेक्ट्स का ऑक्शन हुआ?
2024 के H1 में 41.4 गीगावाट के टेंडर और 31.8 गीगावाट के प्रोजेक्ट्स का ऑक्शन हुआ।
6. सोलर एनर्जी का कुल एनर्जी में कितना योगदान है?
सोलर एनर्जी भारत की कुल Renewable Energy का 44% और कुल एनर्जी कैपेसिटी का 19.5% योगदान देती है।
7. 2030 तक भारत का सोलर एनर्जी टारगेट क्या है?
भारत का लक्ष्य 2030 तक 280 गीगावाट की सोलर कैपेसिटी हासिल करना है।
8. बड़े सोलर प्रोजेक्ट्स की लागत में कितनी कमी आई है?
बड़े सोलर प्रोजेक्ट्स की लागत में 26% (YoY) और 2% (QoQ) की गिरावट आई है।