सोलर सेटअप के लिए इन्वर्टर और बैटरी कैसे चुनें? जानें कौन सा कॉम्बो है आपके लिए बेस्ट

अगर आपने बिना सही जानकारी के इन्वर्टर या बैटरी खरीद ली, तो आपका पूरा सोलर सिस्टम बन सकता है बेकार निवेश! जानें कैसे करें लोड कैलकुलेशन, कितनी होनी चाहिए बैटरी की क्षमता, और कौन सा कॉम्बो देगा आपके घर को दिन-रात निर्बाध बिजली वो भी कम बजट में। पूरी जानकारी अब सिर्फ एक क्लिक दूर!

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Written by Rohit Kumar

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सोलर सेटअप के लिए इन्वर्टर और बैटरी कैसे चुनें? जानें कौन सा कॉम्बो है आपके लिए बेस्ट
सोलर सेटअप के लिए इन्वर्टर और बैटरी कैसे चुनें? जानें कौन सा कॉम्बो है आपके लिए बेस्ट

भारत में रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy को बढ़ावा देने की दिशा में एक और बड़ी पहल करते हुए, UTL ने हाल ही में अपना नया एडवांस सोलर इन्वर्टर लॉन्च किया है, जो बिल्ट-इन लिथियम बैटरी के साथ आता है। यह इन्वर्टर खास उन ग्राहकों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो एक इंटीग्रेटेड और कॉम्पैक्ट सोलर समाधान की तलाश में हैं।

देश में लगातार बढ़ते बिजली संकट और महंगे बिजली बिलों से निजात पाने के लिए सोलर एनर्जी सिस्टम आज की जरूरत बन गए हैं। लेकिन सही इन्वर्टर और बैटरी का चुनाव करना कई उपभोक्ताओं के लिए चुनौती बना हुआ है। इस लेख में हम बताएंगे कि कैसे आप अपने घर के लिए सही इन्वर्टर-बैटरी कॉम्बिनेशन का चुनाव कर सकते हैं और साथ ही जानेंगे कि कौन-कौन से विकल्प बाजार में उपलब्ध हैं।

लोड कैलकुलेशन: पहला कदम

सोलर इन्वर्टर और बैटरी का चुनाव करने से पहले यह समझना जरूरी है कि आपके घर में कितने बिजली के उपकरण हैं और वे रोजाना कितनी बिजली की खपत करते हैं।

उदाहरण के लिए, यदि आपके घर में 2 पंखे (70W), 1 टीवी (100W) और 4 LED बल्ब (10W) रोजाना कुछ घंटे चलते हैं, तो उनकी कुल खपत इस प्रकार होगी:

2 पंखे × 70W × 6 घंटे = 840Wh
1 टीवी × 100W × 4 घंटे = 400Wh
4 LED बल्ब × 10W × 5 घंटे = 200Wh
इस प्रकार, कुल खपत = 1440Wh या 1.44kWh प्रति दिन।

यह आंकड़ा यह तय करने में मदद करता है कि आपको कितनी बैकअप क्षमता और कितनी सोलर जनरेशन की जरूरत है।

इन्वर्टर की क्षमता: ओवरलोडिंग से बचने के लिए उपयुक्त चयन

लोड की गणना करने के बाद अगला चरण होता है इन्वर्टर की क्षमता का चयन करना। यदि आपका कुल लोड 1,440W है, तो एक 1.5kVA से 2kVA तक का इन्वर्टर उपयुक्त रहेगा। यह इन्वर्टर न केवल आपके मौजूदा लोड को संभालने में सक्षम होगा, बल्कि ओवरलोडिंग की स्थिति से भी सुरक्षा देगा।

UTL का नया सोलर इन्वर्टर इसी श्रेणी में आता है, जो न केवल उच्च दक्षता प्रदान करता है बल्कि लिथियम बैटरी के साथ आने के कारण मेंटेनेंस की आवश्यकता भी बेहद कम हो जाती है।

बैटरी की क्षमता: लंबे समय तक बैकअप के लिए सही गणना जरूरी

एक बार इन्वर्टर का चुनाव करने के बाद, बैटरी की क्षमता तय करना जरूरी हो जाता है। इसके लिए एक साधारण फॉर्मूला है:

बैटरी क्षमता (Ah) = कुल ऊर्जा आवश्यकता (Wh) ÷ बैटरी वोल्टेज (V)
1,440Wh ÷ 12V = 120Ah

हालांकि, वास्तविक उपयोग में बैकअप समय और बैटरी की उम्र बढ़ाने के लिए अतिरिक्त 50% मार्जिन जोड़ना बेहतर होता है। इस प्रकार, बैटरी क्षमता = 120Ah × 1.5 = 180Ah

Also ReadPremier Energies Ltd: एनर्जी स्टॉक से मिलेगा तगड़ा फायदा, जानें कितना मिलेगा मुनाफा Premier Energies Ltd ने हाल ही में अपने IPO (Initial Public Offering) के जरिए बाजार में जोरदार एंट्री की है। Renewable Energy सेक्टर की इस कंपनी ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न देकर सभी का ध्यान खींचा है। IPO से लेकर लिस्टिंग डे तक का प्रदर्शन, मौजूदा शेयर प्राइस, कंपनी की वित्तीय स्थिति और संभावित जोखिम—इन सभी पहलुओं पर नजर डालना निवेशकों के लिए बेहद जरूरी हो जाता है। IPO प्रदर्शन और लिस्टिंग डे की रैली Premier Energies Ltd का IPO मूल्य बैंड ₹427 से ₹450 प्रति शेयर निर्धारित किया गया था। लेकिन जब कंपनी के शेयरों की NSE और BSE पर लिस्टिंग हुई, तो कीमत ₹990 से ₹994.55 तक पहुंच गई। यानी लिस्टिंग के दिन निवेशकों को करीब 120% तक का फायदा हुआ। इससे यह साफ हो गया कि बाजार में इस IPO को लेकर जबरदस्त उत्साह था। इस उत्साह का संकेत IPO के ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) से पहले ही मिल गया था। GMP लगभग ₹397 तक पहुंच गया था, जोकि इश्यू प्राइस पर 88% प्रीमियम को दर्शाता है। IPO को निवेशकों से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला। कुल मिलाकर इसे 75 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जिसमें QIB (Qualified Institutional Buyers) श्रेणी में 212.42 गुना, NII (Non-Institutional Investors) में 50.98 गुना और रिटेल निवेशकों में 7.44 गुना सब्सक्रिप्शन दर्ज किया गया। इससे यह स्पष्ट हो गया कि सभी वर्गों के निवेशक इस कंपनी में रुचि ले रहे हैं। मौजूदा शेयर मूल्य और विश्लेषण 17 अप्रैल 2025 को Premier Energies Ltd का शेयर प्राइस ₹948.15 पर ट्रेड कर रहा था। हालांकि, विश्लेषकों का औसत टारगेट प्राइस ₹925.25 है, जबकि कुछ विश्लेषकों ने इसे ₹1,228 तक भी प्रोजेक्ट किया है। लेकिन एक अहम बात यह है कि JP Morgan ने हाल ही में कंपनी का टारगेट प्राइस ₹1,170 से घटाकर ₹940 कर दिया है। यह इस ओर संकेत करता है कि विश्लेषक कंपनी के मूल्यांकन को लेकर थोड़े सतर्क हैं। वर्तमान में कंपनी का P/E (Price-to-Earnings) अनुपात 52.7 है, जोकि एक हाई वैल्यूएशन को दर्शाता है। वहीं, EPS (Earnings per Share) ₹16.3 है। वित्तीय प्रदर्शन: मुनाफे में जबरदस्त छलांग Premier Energies Ltd ने FY24 में ₹3,171.31 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो कि इस क्षेत्र की एक मझोली कंपनी के लिए काफी मजबूत आंकड़ा है। इस अवधि में कंपनी का शुद्ध लाभ ₹231.36 करोड़ रहा, जबकि FY23 में यह आंकड़ा मात्र ₹13.83 करोड़ था। यानी कंपनी ने साल भर में लगभग 1,572% का PAT (Profit After Tax) ग्रोथ दर्ज किया है, जो कि बेहद सराहनीय है। कंपनी की ROE (Return on Equity) 43.73% और ROCE (Return on Capital Employed) 25.65% है। ये आंकड़े यह दिखाते हैं कि कंपनी ने पूंजी का प्रभावी उपयोग करते हुए उच्च लाभप्रदता अर्जित की है। जोखिम और चुनौतियां हालांकि कंपनी का प्रदर्शन शानदार रहा है, लेकिन इसमें कुछ अहम जोखिम भी शामिल हैं जिनका निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए। कंपनी की आय का बड़ा हिस्सा कुछ चुनिंदा ग्राहकों से आता है। इस ग्राहक निर्भरता से अगर भविष्य में कोई ग्राहक हटता है या डील में बदलाव होता है, तो कंपनी की कमाई पर प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, Premier Energies Ltd अपने कई उपकरण चीन से आयात करती है। इस कारण वैश्विक सप्लाई चेन में किसी भी प्रकार के व्यवधान का असर इसके उत्पादन पर पड़ सकता है। सबसे अहम जोखिम कंपनी का वर्तमान मूल्यांकन है। 52.7 का P/E अनुपात यह दर्शाता है कि निवेशक पहले ही भविष्य की उच्च कमाई को दाम में शामिल कर चुके हैं। ऐसे में यदि कंपनी भविष्य की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी, तो स्टॉक में करेक्शन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। दीर्घकालिक नजरिए से निवेश Renewable Energy सेक्टर में Premier Energies Ltd की स्थिति मजबूत होती जा रही है। IPO में जबरदस्त रेस्पॉन्स, लिस्टिंग डे पर शानदार मुनाफा और वित्तीय आंकड़ों में भारी वृद्धि इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाती है। हालांकि, हाई वैल्यूएशन और कुछ रणनीतिक जोखिमों के चलते अल्पकालिक निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। लेकिन अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं और Renewable Energy सेक्टर की संभावनाओं में विश्वास रखते हैं, तो Premier Energies Ltd आपके पोर्टफोलियो में शामिल करने योग्य स्टॉक हो सकता है।

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UTL का नया इन्वर्टर बिल्ट-इन लिथियम बैटरी के साथ आता है, जिससे यह परेशानी काफी हद तक खत्म हो जाती है।

सोलर पैनल की संख्या: धूप की उपलब्धता के अनुसार चयन

यदि आपके क्षेत्र में औसतन 5 घंटे की धूप मिलती है, तो आपको अपनी दैनिक खपत के अनुसार पैनल की संख्या तय करनी होगी।

1,440Wh ÷ 5 घंटे = 288W

ऐसे में आप एक 300W या 330W सोलर पैनल से शुरुआत कर सकते हैं। यदि भविष्य में लोड बढ़ाने की योजना है, तो अतिरिक्त पैनल भी जोड़े जा सकते हैं।

UTL और अन्य कंपनियां आज 800W से 1000W तक सोलर पैनल सपोर्ट करने वाले इन्वर्टर पेश कर रही हैं, जिससे उपभोक्ताओं को स्केलेबिलिटी की सुविधा मिलती है।

इन्वर्टर के प्रकार: आपकी ज़रूरत के अनुसार चयन

  • बाजार में तीन प्रकार के सोलर इन्वर्टर उपलब्ध हैं — ऑन-ग्रिड, ऑफ-ग्रिड और हाइब्रिड।
  • ऑन-ग्रिड इन्वर्टर सीधे ग्रिड से जुड़े होते हैं और इनकी कार्यप्रणाली बैटरी पर निर्भर नहीं होती। ये उन क्षेत्रों में उपयुक्त होते हैं जहां बिजली कटौती कम होती है।
  • ऑफ-ग्रिड इन्वर्टर बैटरियों पर आधारित होते हैं और उन क्षेत्रों में आदर्श होते हैं जहां ग्रिड की उपलब्धता कम है।
  • हाइब्रिड इन्वर्टर दोनों विकल्पों को सपोर्ट करते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को लचीलापन मिलता है।
  • Ecco का 3.5kVA हाइब्रिड इन्वर्टर इस श्रेणी में बेहतरीन विकल्प माना जा रहा है, जो 106Ah लिथियम बैटरी के साथ आता है।

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मौजूदा बेहतरीन इन्वर्टर-बैटरी कॉम्बिनेशन

Luminous NXG 1100 इन्वर्टर के साथ 200Ah बैटरी एक लोकप्रिय घरेलू समाधान है जो 800W तक के सोलर पैनल को सपोर्ट करता है। यह छोटे से मध्यम घरों के लिए आदर्श है। वहीं, बजट सेगमेंट में UTL Shamsi 1100VA इन्वर्टर के साथ 150Ah की बैटरी एक किफायती विकल्प है, जो छोटे घरों की जरूरतों को पूरा करता है।

यदि आप उच्च क्षमता की तलाश में हैं तो Ecco का 3.5kVA हाइब्रिड इन्वर्टर आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है, जो लिथियम बैटरी के साथ आता है और लंबे समय तक बैकअप देता है।

अंतिम सुझाव: निवेश से पहले यह जरूर सोचें

अपने सोलर सेटअप में निवेश करने से पहले आपको तीन चीजों का विशेष ध्यान रखना चाहिए — आपका बजट, भविष्य की आवश्यकताएं और आपके क्षेत्र में धूप की उपलब्धता।

अगर आप आने वाले समय में अपने लोड को बढ़ाने की सोच रहे हैं, तो एक स्केलेबल सिस्टम चुनना ही समझदारी होगी। वहीं, ऐसे इलाकों में जहां धूप कम मिलती है, वहां अधिक वॉटेज वाले पैनल का चयन करना जरूरी हो जाता है।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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