
ऑस्ट्रेलियन प्रीमियम सोलर (इंडिया) लिमिटेड ने सोलर सेक्टर में अपने जबरदस्त प्रदर्शन से निवेशकों को चौंका दिया है। इस कंपनी ने अपने आईपीओ-IPO के बाद से अब तक 215% का रिटर्न दिया है, जो कि महज 16 महीनों की अवधि में हुआ है। Renewable Energy सेक्टर में तेजी से हो रहे विस्तार और सरकार की नीतियों के समर्थन से इस कंपनी ने बाजार में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई है।
IPO में ₹1 लाख निवेश बन गया ₹3.15 लाख
जनवरी 2024 में NSE पर लिस्ट हुई ऑस्ट्रेलियन प्रीमियम सोलर (इंडिया) लिमिटेड ने अपने शुरुआती सार्वजनिक ऑफरिंग (IPO) के जरिए ₹28 करोड़ जुटाए थे। इस राशि का उपयोग कंपनी ने पूंजीगत खर्च (Capital Expenditure), वर्किंग कैपिटल और अन्य कॉर्पोरेट जरूरतों के लिए किया। IPO में इसका शेयर ₹150 प्रति शेयर की कीमत पर लिस्ट हुआ था, जो अब 19 मई 2025 तक ₹472 तक पहुंच चुका है। यानी, यदि किसी निवेशक ने उस समय ₹1 लाख का निवेश किया होता, तो आज उसकी वैल्यू ₹3.15 लाख हो गई होती।
तीन सालों में 143% का नेट प्रॉफिट ग्रोथ
कंपनी ने सिर्फ शेयर रिटर्न में ही नहीं, बल्कि अपने बिजनेस परफॉर्मेंस में भी उल्लेखनीय बढ़त हासिल की है। पिछले तीन वित्तीय वर्षों में इसका नेट प्रॉफिट 143% तक बढ़ चुका है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि कंपनी न केवल अपने निवेशकों को लाभ दे रही है, बल्कि आंतरिक रूप से भी मुनाफा कमा रही है और विकास के रास्ते पर अग्रसर है।
कम पीई रेशियो के बावजूद संभावनाओं से भरपूर
फिलहाल कंपनी का शेयर 24 के प्राइस-टू-अर्निंग्स (PE) रेशियो पर ट्रेड कर रहा है, जबकि इसी सेक्टर का औसत PE लगभग 50 है। यह दर्शाता है कि शेयर की वैल्यू अभी भी उसकी कमाई के मुकाबले काफी कम है, यानी निवेशकों के लिए इसमें आगे भी ग्रोथ की अच्छी संभावनाएं हैं। पिछले 10 वर्षों में कंपनी का औसत PE रेशियो 62 रहा है, जबकि पूरे सेक्टर का औसत 34 रहा है।
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800 मेगावॉट क्षमता के साथ हो रहा बड़ा विस्तार
कंपनी फिलहाल एक बड़ा मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित कर रही है, जिसकी कुल जमीन 26,000 वर्ग मीटर है। इस प्लांट का निर्माण नए ज़मीन की खरीद और कुछ हिस्से को लीज पर लेकर किया जा रहा है। यह प्लांट नवीनतम TOPCon (टनेल ऑक्साइड पैसिवेटेड कॉन्टैक्ट) टेक्नोलॉजी पर आधारित सोलर पैनल्स का निर्माण करेगा। इसकी कुल क्षमता 800 मेगावॉट (MW) होगी, जिसमें से पहले चरण की 400 मेगावॉट उत्पादन क्षमता वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही (Q1FY26) तक चालू हो जाएगी। शेष 400 मेगावॉट क्षमता एक साल बाद शुरू होगी।
रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में सरकारी योजनाओं से मिल रही रफ्तार
भारत सरकार ने 2030 तक 500 गीगावॉट Renewable Energy उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके साथ ही PLI स्कीम और 2070 तक Net Zero Emission के संकल्प ने इस सेक्टर में बड़े निवेश को आकर्षित किया है। इन योजनाओं के समर्थन से सोलर एनर्जी का बाजार तेजी से विस्तार कर रहा है और ऑस्ट्रेलियन प्रीमियम सोलर जैसी कंपनियां इस बदलाव में प्रमुख भूमिका निभा रही हैं।
स्थिर ग्रोथ और मजबूत फाइनेंशियल्स के साथ निवेशकों की पसंद
जहां सोलर सेक्टर में पहले से टाटा पावर और अदानी ग्रीन जैसे बड़े खिलाड़ी मौजूद हैं, वहीं ऑस्ट्रेलियन प्रीमियम सोलर (इंडिया) जैसी कम चर्चित कंपनियां अपने स्थिर ग्रोथ, मजबूत फाइनेंशियल्स और रणनीतिक विस्तार के दम पर निवेशकों को नए विकल्प के रूप में आकर्षित कर रही हैं।
क्या यह शेयर अब भी निवेश के लिए बेहतर विकल्प है?
हालांकि शेयर ने अब तक 215% का शानदार रिटर्न दिया है, लेकिन इसका वर्तमान PE रेशियो और अपकमिंग प्लांट्स के चलते इसमें आगे भी ग्रोथ की संभावनाएं बरकरार हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कंपनी इसी गति से प्रदर्शन करती रही, तो यह मिड-कैप से बड़े खिलाड़ियों की श्रेणी में जल्दी ही आ सकती है। हालांकि, निवेश से पहले फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूर लेनी चाहिए क्योंकि शेयर बाजार में निवेश हमेशा जोखिम से जुड़ा होता है।