बैटरियों की Recycle कैसे होती है? जानिए पूरी प्रक्रिया

क्या आप जानते हैं कि पुरानी बैटरियों को सही तरीके से रिसाइकल करके आप ना केवल पर्यावरण बचा सकते हैं, बल्कि महत्वपूर्ण धातुओं की भी पुनः प्राप्ति कर सकते हैं? जानें बैटरी रिसाइकलिंग के लाभ और इसके साथ जुड़े पर्यावरणीय और स्वास्थ्य जोखिम। यह जानकारी आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है!

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Written by Rohit Kumar

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बैटरियों की Recycle कैसे होती है? जानिए पूरी प्रक्रिया
बैटरियों की Recycle कैसे होती है? जानिए पूरी प्रक्रिया

बैटरियों की रिसाइकलिंग (Battery Recycling) एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो न केवल पर्यावरणीय नुकसान को कम करने में मदद करती है, बल्कि कीमती धातुओं की पुनः प्राप्ति भी सुनिश्चित करती है। बैटरियों के उपयोग के बाद उनका उचित निपटान आवश्यक है, क्योंकि इनमें भारी धातुएं और जहरीले रसायन होते हैं, जो अगर गलत तरीके से निपटाए जाएं तो पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकते हैं। यह प्रक्रिया विभिन्न प्रकार की बैटरियों के आधार पर अलग-अलग होती है, जैसे लीड-एसिड बैटरियां, लिथियम-आयन बैटरियां, आदि।

बैटरियों की रिसाइकलिंग की प्रक्रिया

बैटरियों के रिसाइकलिंग का पहला कदम है उनका संग्रहण और छंटाई। इसका मतलब है कि उपयोग की गई बैटरियों को इकट्ठा करके विभिन्न प्रकारों के अनुसार अलग किया जाता है, क्योंकि हर प्रकार की बैटरी का रिसाइकलिंग तरीका अलग होता है। जैसे लीड-एसिड बैटरियों को एक तरह से और लिथियम-आयन बैटरियों को दूसरे तरीके से रिसाइकल किया जाता है। इसके बाद बैटरियों को निष्क्रिय किया जाता है ताकि वे रिसाइकलिंग के दौरान किसी भी प्रकार की आग या विस्फोट का कारण न बनें। इस प्रक्रिया को निष्क्रियकरण (Deactivation) कहा जाता है।

निष्क्रिय करने के बाद, बैटरियों को छोटे टुकड़ों में काटा जाता है, जिसे ‘ब्लैक मास’ कहा जाता है। इसके बाद विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल करके बैटरियों से कीमती धातुओं जैसे लिथियम, कोबाल्ट, निकल और तांबा की पुनः प्राप्ति की जाती है। इन धातुओं का पुनः उपयोग नई बैटरियों के निर्माण में किया जाता है, जिससे संसाधनों की बचत होती है और पर्यावरणीय प्रभाव कम होता है।

धातुओं की पुनर्प्राप्ति के लिए दो प्रमुख विधियां अपनाई जाती हैं – हाइड्रोमेटलर्जिकल विधि और पाइरोमेटलर्जिकल विधि। हाइड्रोमेटलर्जिकल विधि में बैटरी के अवशेषों को अम्लों में घोलकर धातुओं को अलग किया जाता है, जबकि पाइरोमेटलर्जिकल विधि में उच्च तापमान पर बैटरियों को पिघलाकर धातुओं को मिश्र धातु के रूप में प्राप्त किया जाता है।

बैटरी रिसाइकलिंग के फायदे

बैटरियों की रिसाइकलिंग के कई महत्वपूर्ण लाभ हैं। सबसे पहले, यह प्राकृतिक संसाधनों की बचत करती है। बैटरियों में मौजूद कीमती धातुएं, जैसे लिथियम, कोबाल्ट, और निकल, अगर सही तरीके से रिसाइकल किए जाएं तो नए खनिजों की खुदाई की आवश्यकता नहीं होती। इससे पर्यावरणीय नुकसान को कम किया जा सकता है और ऊर्जा की खपत भी बचाई जा सकती है।

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इसके अलावा, बैटरियों का सही तरीके से निपटान करने से प्रदूषण में कमी आती है, जिससे हमारे पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सकता है। बैटरियों में मौजूद रसायन जैसे पारा, कैडमियम, और लेड अगर सही तरीके से निपटाए जाएं तो जल, वायु और मृदा प्रदूषण से बचा जा सकता है। इसके अलावा, रिसाइकलिंग उद्योग में रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होते हैं, जो आर्थिक दृष्टिकोण से भी लाभकारी होते हैं।

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भारत में बैटरियों की रिसाइकलिंग

भारत में बैटरी रिसाइकलिंग का क्षेत्र अभी भी विकासशील अवस्था में है। सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक कचरे के प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, लेकिन बैटरियों की रिसाइकलिंग के लिए अभी भी विशेष नीतियों और योजनाओं की आवश्यकता है। भारत में कुछ कंपनियां और स्टार्टअप्स बैटरी रिसाइकलिंग के क्षेत्र में काम कर रहे हैं, लेकिन इस प्रक्रिया को और अधिक व्यापक स्तर पर फैलाने की आवश्यकता है।

सरकार और निजी कंपनियों को इस क्षेत्र में जागरूकता फैलाने और रिसाइकलिंग के उचित तरीके सुनिश्चित करने के लिए और अधिक प्रयास करने होंगे। इसके साथ ही, उपभोक्ताओं को भी बैटरी के सही निपटान के बारे में जागरूक करना बेहद जरूरी है।

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बैटरी रिसाइकलिंग से जुड़े पर्यावरणीय और स्वास्थ्य जोखिम

बैटरियों में मौजूद खतरनाक रसायन जैसे पारा, कैडमियम, और लेड अगर गलत तरीके से निपटाए जाते हैं तो ये पर्यावरण के लिए अत्यधिक हानिकारक हो सकते हैं। जल, वायु और मृदा में इनका मिल जाना प्रदूषण का कारण बन सकता है और स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसलिए बैटरियों को ठीक से रिसाइकल करना बहुत जरूरी है, ताकि ये खतरनाक तत्व हमारे पर्यावरण और स्वास्थ्य को नुकसान न पहुंचा सकें।

आप क्या कर सकते हैं?

आप बैटरियों के रिसाइकलिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। पुरानी बैटरियों को सामान्य कचरे में न डालें। इसके बजाय, उन्हें स्थानीय बैटरी रिसाइकलिंग केंद्रों या संग्रहण स्थलों पर जमा करें। बैटरी निर्माताओं या विक्रेताओं से बैटरी के पुनर्चक्रण के बारे में जानकारी प्राप्त करें और इसके सही तरीके के बारे में दूसरों को जागरूक करें। बैटरियों के निपटान और उपयोग को लेकर समुदाय में जागरूकता फैलाने से हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं।

बैटरी रिसाइकलिंग न केवल पर्यावरण की सुरक्षा में योगदान करती है, बल्कि यह आर्थिक रूप से भी लाभकारी है, क्योंकि यह नए रोजगार के अवसर उत्पन्न करती है और संसाधनों की बचत करती है। इसलिए, इसे बढ़ावा देना और सही तरीके से कार्य करना सभी के लिए फायदेमंद साबित होगा।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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