India’s Green Energy Boom: भारत में होने वाला है ग्रीन एनर्जी का धमाका – आप तैयार हैं?

2024 बना ग्रीन एनर्जी का ऐतिहासिक साल 10,000 MW की छलांग, लाखों नौकरियां और हजारों करोड़ का निवेश! जानिए कैसे आप इस बदलाव से कमाई और करियर दोनों बना सकते हैं। मौका चूकना नहीं चाहिए!

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Written by Rohit Kumar

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India's Green Energy Boom: भारत में होने वाला है ग्रीन एनर्जी का धमाका – आप तैयार हैं?
India’s Green Energy Boom: भारत में होने वाला है ग्रीन एनर्जी का धमाका – आप तैयार हैं?

भारत में Renewable Energy का एक नया युग प्रारंभ हो चुका है। साल 2024 में देश ने इस क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति दर्ज की है, जिससे यह न केवल पर्यावरण की दृष्टि से बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है। अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) जैसी कंपनियों की बड़ी उपलब्धियों ने इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। भारत अब ग्रीन एनर्जी को लेकर वैश्विक मंच पर एक सशक्त भूमिका निभाने की ओर अग्रसर है।

2024 में Renewable Energy की ऐतिहासिक छलांग

वर्ष 2024 भारत के लिए Renewable Energy क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हुआ है। देश ने इस साल रिकॉर्ड 24.5 गीगावाट (GW) सोलर और 3.4 GW विंड एनर्जी क्षमता जोड़ी है। यह आंकड़ा पिछले वर्षों की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है। अब भारत की कुल गैर-फॉसिल ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता 217.62 GW तक पहुंच गई है। यह वृद्धि भारत की ऊर्जा नीति में हो रहे व्यापक बदलाव को दर्शाती है, जो पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है।

गुजरात का हाइब्रिड Renewable Energy पार्क बना ग्लोबल सेंटर ऑफ अट्रैक्शन

गुजरात के कच्छ जिले के खवड़ा क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा हाइब्रिड Renewable Energy पार्क विकसित किया जा रहा है। यह मेगा प्रोजेक्ट 72,600 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है और इसकी कुल क्षमता 30 GW होगी। इस परियोजना में अडानी ग्रीन एनर्जी, NTPC और अन्य प्रमुख कंपनियां शामिल हैं। यह पार्क न केवल देश के लिए ऊर्जा उत्पादन का मुख्य केंद्र बनेगा, बल्कि इससे 1 लाख से अधिक रोजगार सृजित होने की भी संभावना है। यह प्रोजेक्ट भारत के ऊर्जा और औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

निजी क्षेत्र की बड़ी छलांगें: अडानी, रिलायंस और JSW की अग्रणी पहल

अडानी ग्रीन एनर्जी ने भारत में Renewable Energy क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है। यह देश की पहली कंपनी बन गई है जिसने 10,000 MW रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता को पार किया है। यह उपलब्धि न केवल कंपनी की रणनीतिक दूरदृष्टि को दर्शाती है, बल्कि भारत की ऊर्जा क्रांति में निजी क्षेत्र की भूमिका को भी रेखांकित करती है।

दूसरी ओर, रिलायंस इंडस्ट्रीज भी इस दिशा में पीछे नहीं है। कंपनी जामनगर में 75,000 करोड़ रुपये के निवेश से “धीरूभाई अंबानी ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स” का निर्माण कर रही है, जहां सोलर पैनल, बैटरियां और ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

JSW एनर्जी ने भी O2 पावर की 4.7 GW रिन्यूएबल पोर्टफोलियो के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की है, जिससे कंपनी का लक्ष्य 2030 तक 20 GW Renewable Energy क्षमता हासिल करना है।

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भारत की ग्रीन एनर्जी यात्रा में चुनौतियां भी कम नहीं

हालांकि प्रगति उल्लेखनीय है, लेकिन भारत की ग्रीन एनर्जी यात्रा में कुछ बाधाएं भी सामने आ रही हैं। सबसे प्रमुख चुनौती कोयले पर निर्भरता है। भारत सरकार 2031-32 तक कोयला आधारित बिजली क्षमता को 222 GW से बढ़ाकर 302 GW करने की योजना बना रही है। यह Renewable Energy लक्ष्यों के विपरीत दिखाई देता है और इससे पर्यावरणीय चिंताएं उत्पन्न हो सकती हैं।

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नीति और नियामक संबंधी बाधाएं भी प्रमुख चुनौती हैं। भूमि अधिग्रहण की जटिलताएं, टेंडर की मांग में कमी और Power Purchase Agreement (PPA) में देरी जैसे मुद्दे Renewable Energy प्रोजेक्ट्स को प्रभावित कर रहे हैं।

सरकार की रणनीति: नीतिगत सुधार और नए क्षेत्रों में निवेश

सरकार इन चुनौतियों से निपटने के लिए कई स्तरों पर सक्रिय है। नीति आयोग और ऊर्जा मंत्रालय मिलकर नीतिगत सुधारों पर काम कर रहे हैं। घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए Production Linked Incentive (PLI) स्कीम लाई गई है। इसके अलावा, सरकार ग्रीन हाइड्रोजन जैसे उभरते क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित कर रही है जिससे भारत का ऊर्जा भविष्य और अधिक स्थिर व पर्यावरण-अनुकूल बन सके।

आम नागरिक और निवेशक कैसे बनें इस क्रांति का हिस्सा?

भारत की Renewable Energy क्रांति में आम नागरिक और निवेशक भी सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। सोलर रूफटॉप इंस्टॉलेशन के माध्यम से हर व्यक्ति अपने घर या व्यवसाय में ऊर्जा लागत को कम कर सकता है और पर्यावरण में सकारात्मक योगदान दे सकता है।

निवेशक अडानी ग्रीन, रिलायंस, JSW एनर्जी जैसी कंपनियों के शेयरों में निवेश कर इस क्षेत्र से लाभ भी कमा सकते हैं और देश की ऊर्जा क्रांति का हिस्सा भी बन सकते हैं।

सरकारी योजनाएं जैसे PM-KUSUM, सोलर सब्सिडी और PLI स्कीम का लाभ उठाकर आर्थिक रूप से सशक्त बनने के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा में भी भागीदारी की जा सकती है।

जो युवा ग्रीन जॉब्स में करियर बनाना चाहते हैं, वे सोलर इंस्टॉलेशन, बैटरी स्टोरेज और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में स्किल्स हासिल कर रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त कर सकते हैं।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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