जबरदस्त होगी बचत! सोलर पैनल पर टैक्स और फायदे जानकर रह जाएंगे हैरान!

क्या आप जानते हैं कि सोलर पैनल लगाने पर सरकार आपको टैक्स में छूट और सब्सिडी देती है? 😲 💡 बिजली का बिल होगा लगभग जीरो, टैक्स में राहत और लंबे समय तक मुफ्त बिजली का लाभ! ⚡ जानिए सोलर एनर्जी से जुड़ी टैक्स छूट, सब्सिडी और जबरदस्त फायदे – पूरी जानकारी के लिए आगे पढ़ें!

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सोलर पैनल से जुड़े टैक्स और फायदे, जबरदस्त होगी बचत

सोलर एनर्जी के क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत ने 175 GW की रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है, जिसमें 100 GW सिर्फ सोलर एनर्जी से होगा। सोलर पैनल इंस्टॉलेशन में न सिर्फ बिजली के बिल कम होते हैं, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। सोलर पैनल से जुड़े टैक्स और फायदे हैं, एक बार बढ़िया से सोलर सिस्टम लगाने के बाद यूजर को अनेक प्रकार से लाभ होते हैं, सरकार की नई योजनाओं से सोलर पैनल लगवाना अब और भी किफायती हो गया है। आइए जानते हैं सोलर पैनल से जुड़े टैक्स और बेनिफिट्स के बारे में।

सोलर पैनल से जुड़े टैक्स और फायदे

सोलर पैनल से जुड़े टैक्स इस प्रकार हैं, जिससे इस प्रकार के लाभ होते हैं:

टैक्स बेनिफिट्स

  1. सेल्स टैक्स में छूट: सोलर प्रोजेक्ट्स पर सेल्स टैक्स में छूट दी जाती है, जिससे प्रोजेक्ट की कुल लागत कम हो जाती है। ऐसे में आसानी से सोलर सिस्टम को लगाया जा सकता है।
  2. कस्टम ड्यूटी में छूट: इम्पोर्टेड सोलर पैनलों पर कोई कस्टम ड्यूटी नहीं लगाई जाती है, जिससे इनकी कीमत और भी कम हो जाती है।
  3. इनकम टैक्स में छूट: सोलर प्रोजेक्ट्स की इनकम पर पहले दस वर्षों तक कोई इनकम टैक्स नहीं लगता है।
  4. प्रोडक्शन कॉस्ट में छूट: प्रोडक्शन कॉस्ट पर छूट दी जाती है, जिससे सोलर पैनल की उत्पादन लागत कम हो जाती है। देश में अधिक से अधिक सोलर विनिर्माता है, जिनके द्वारा आधुनिक सोलर उपकरणों का निर्माण किया जा रहा है।

फाइनेंशियल बेनिफिट्स

  1. फेयर मार्केट प्राइस पर खरीद: सोलर पैनल को फेयर मार्केट प्राइस पर खरीदने की अनुमति है, जिससे लागत में कमी आती है।
  2. 40% कॉस्ट रिकवरी: सोलर पावर प्रोजेक्ट्स पहले साल में अपनी लागत का 40% रिकवर कर सकते हैं। क्योंकि जब सोलर पैनल से बनने वाली बिजली का प्रयोग यूजर करता है, तो ऐसे में बिजली के बिल में बचत की जा सकती है। जिससे सोलर पैनल की स्थापना का खर्चा वापस प्राप्त किया जा सकता है।
  3. नेट मीटरिंग पॉलिसी: यह पॉलिसी रेजिडेंशियल और कमर्शियल दोनों क्षेत्रों के लिए फायदेमंद है। इसमें एक्स्ट्रा बिजली ग्रिड में भेजी जा सकती है और इसके लिए कंज्यूमर को कंसेशन मिलता है। नेट मिटरिंग ऑनग्रिड प्रकार के सोलर सिस्टम में की जाती है, जिनमें सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को ग्रिड के साथ शेयर किया जाता है।
  4. रिन्यूएबल एनर्जी सर्टिफिकेट्स (RECs): सोलर एनर्जी प्रोड्यूसर को जनरेट की गई बिजली की प्रत्येक यूनिट के लिए RECs मिलते हैं, जिससे कार्बन न्यूट्रल बनने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।

सरकारी योजनाएं

  1. सृष्टि योजना: शहरी क्षेत्रों में सोलर पैनल लगाने के लिए यह योजना कार्यान्वित की जा रही है। अधिक से अधिक सोलर प्लांट इस योजना के माध्यम से लगाए जा रहे हैं।
  2. सौभाग्य योजना: ग्रामीण क्षेत्रों में सोलर रूफटॉप को टारगेट करती है, जिससे हर घर को मुफ्त बिजली मिल सके। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की जरूरतों को इस योजना के द्वारा पूरा किया जा सकता है।
  3. बैंकिंग चार्ज: नए प्रोविज़न से ईको-फ्रेंडली सिस्टम को और भी सस्टेनेबल बनाया जा रहा है।

भारत में सोलर एनर्जी का भविष्य

भारत की सोलर पावर कैपेसिटी 44.3 GW तक पहुंच चुकी है। सरकारी सहयोग और बढ़ती जागरूकता के साथ, सोलर एनर्जी का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। इससे न केवल बिजली के बिल कम होंगे, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी लाभदायक है। नागरिकों को आज के समय में पीएम सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना के माध्यम से सोलर सिस्टम लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिसमें उन्हें 10 किलोवाट तक के सोलर सिस्टम लगाने के लिए सब्सिडी दी जाती है।

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सोलर एनर्जी से जुड़े इन टैक्स और फाइनेंशियल बेनिफिट्स से स्पष्ट है कि सोलर पैनल इंस्टॉल करना न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी लाभदायक है।

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