
Maruti Suzuki ने ही भारत जैसे देश मे (MSIL) से अपनी Renewable Energy कैपिसिटी मे एक और तरह की मील पत्थर को जोड़ते हुए 30 मेगावाट पीक (30MWp) तक की एक नई क्षमता को लॉन्च करके स्थापित कर दिया है। जो सौर ऊर्जा के सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाले राज्य राजस्थान और हरियाणा के खरखौदा और मानेसर प्लांट्स में है। इसके अलावा इस कंपनी ने यह घोषणा की है, कि भारत सरकार एक ऐसा देश बनेगा जो रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने की नीति के लिए कार्य करेगा, और साथ ही Suzuki Motor Corporation की Environment Vision 2050 के तहत पर्यावरण-संरक्षण के लक्ष्य को मजबूती प्रदान करती है।
हरियाणा के खरखौदा और मानेसर में नई सोलर यूनिट्स
जैसा की हमने बताया MSIL ने अपने नए उभरते हुए मैन्युफैक्चरिंग प्लांट, खरखौदा में 20MWp की क्षमता वाला सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगा दिया है। और इसके साथ ही, मानेसर स्थित मौजूदा प्लांट में जो बची 10MWp की क्षमता को भी जोड़ा गया है। इस नवीनतम विस्तार के साथ कंपनी की कुल इंस्टॉल्ड सौर ऊर्जा क्षमता 49MWp से बढ़कर 79MWp हो गई है।
FY2030-31 तक 319MWp सोलर टारगेट
Maruti Suzuki (मारुति सुज़ुकी) ने FY2030-31 से भी अधिक सौर ऊर्जा की क्षमता को बढ़ाकर 319MWp तक पहुंचाने का निर्णय लिया है। इसलिए इस दिशा में कंपनी ने करीबन 925 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का निवेश करने की सोच रही है। यह कदम न केवल कंपनी की उत्पादन क्षमताओं के अनुरूप होगा, बल्कि इसकी पर्यावरणीय जिम्मेदारियों की दिशा में भी एक बड़ा कदम होगा।
Renewable Energy का 85% उपयोग लक्ष्य
कंपनी का उद्देश्य है कि FY2030-31 तक उसकी कुल बिजली खपत का लगभग 85% हिस्सा Renewable Energy स्रोतों से आए। इसके लिए न केवल सोलर पैनल्स की संख्या बढ़ाई जा रही है, बल्कि विभिन्न राज्य विद्युत बोर्डों से हरित ऊर्जा (Green Power) की खरीद को भी बढ़ाया जा रहा है। यह रणनीति न केवल कार्बन फुटप्रिंट को घटाएगी, बल्कि लागत प्रभावशीलता को भी बढ़ाएगी।
पर्यावरण संरक्षण और SDG 7 के प्रति प्रतिबद्धता
MSIL की यह पहल संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य #7 (Sustainable Development Goal #7) के अनुरूप है, जो सभी के लिए सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा (Affordable and Clean Energy) सुनिश्चित करने का आह्वान करता है। इस दिशा में कंपनी की प्रतिबद्धता न केवल उसकी ब्रांड इमेज को सशक्त करती है, बल्कि समग्र औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को भी हरित बनाती है।
एमएसआईएल की रणनीतिक सोच और CEO का दृष्टिकोण
मारुति सुज़ुकी के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO, हिसाशी टेकेउची ने इस विस्तार पर बात करते हुए कहा, “जैसे-जैसे हम अपने उत्पादन को 4 मिलियन यूनिट्स तक स्केल कर रहे हैं, हम उतने ही आक्रामक रूप से अपनी Sustainable Energy प्रथाओं को भी बढ़ा रहे हैं। यह सौर ऊर्जा विस्तार हमारे स्वच्छ, अधिक टिकाऊ ऊर्जा इकोसिस्टम को बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और पर्यावरण के लिए सकारात्मक योगदान देता है।”
टेकेउची ने आगे कहा कि, “हमारे सतत प्रयासों के जरिए FY2030-31 तक हमारी कुल बिजली खपत में Renewable Sources की हिस्सेदारी लगभग 85% तक पहुंचने की उम्मीद है।”
हरित विनिर्माण की ओर एक सशक्त कदम
MSIL की यह पहल ‘Green Manufacturing’ की अवधारणा को मजबूती से आगे बढ़ाती है। पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता घटाकर यह नया मॉडल न केवल स्थिरता लाता है, बल्कि अन्य ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है। विशेष रूप से उस दौर में जब वैश्विक स्तर पर कंपनियाँ ESG (Environmental, Social, Governance) मानकों को अपनाने की दौड़ में हैं।
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भविष्य की ओर देखती हुई सोच
मारुति सुज़ुकी का यह कदम स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वह सिर्फ वाहन निर्माण तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि संपूर्ण उत्पादन प्रक्रिया को पर्यावरण के अनुकूल और नवाचार-आधारित बनाना चाहती है। यह ऊर्जा विस्तार भारत की स्वच्छ ऊर्जा क्रांति में एक अहम योगदान है, जो न केवल उद्योग बल्कि देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए भी लाभकारी है।