
NHPC लिमिटेड ने हाल ही में 1,945 करोड़ रुपये की राशि ग्रीन बॉन्ड्स के ज़रिए जुटाई है, जिससे भारत की रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy योजनाओं को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है। यह राशि NHPC की 6.86% कूपन दर वाली AF सीरीज़ बॉन्ड्स 2040 के तहत निजी प्लेसमेंट (Private Placement) के ज़रिए जुटाई गई है। इस फंडिंग ने न केवल NHPC की भविष्य की योजनाओं को बल दिया है बल्कि निवेशकों का विश्वास भी मजबूत किया है।
NHPC की ऊर्जा रणनीति को मिला फाइनेंशियल बूस्ट
NHPC ने इस राशि का उपयोग अपनी स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं को विस्तार देने के लिए करने की योजना बनाई है, जिसमें विशेष रूप से हाइड्रो, सोलर और पवन ऊर्जा परियोजनाएं शामिल हैं। सरकार की ओर से भी रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र को प्रोत्साहन मिल रहा है, और NHPC जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) इस दिशा में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
इस बॉन्ड ऑफर को लेकर निवेशकों की प्रतिक्रिया बहुत सकारात्मक रही। इन बॉन्ड्स को असुरक्षित (Unsecured), रिडीमेबल (Redeemable), नॉन-कन्वर्टिबल (Non-Convertible), नॉन-क्यूम्युलेटिव (Non-Cumulative) और टैक्सेबल (Taxable) रखा गया है, ताकि यह लंबी अवधि के निवेशकों के लिए आकर्षक बना रहे।
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कंपनी के तिमाही नतीजे और बाजार में स्थिति
भले ही NHPC को वित्तीय वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में शुद्ध लाभ में गिरावट का सामना करना पड़ा हो – कंपनी का नेट प्रॉफिट 52.5% घटकर ₹231 करोड़ रहा – लेकिन इसका रेवेन्यू 11.3% की बढ़त के साथ ₹2,286.8 करोड़ तक पहुंचा। इससे यह स्पष्ट है कि कंपनी की फंडामेंटल स्ट्रेंथ बनी हुई है, और ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में इसकी दीर्घकालिक दृष्टि स्थिर है।
NHPC का शेयर 9 मई 2025 को ₹76.73 पर बंद हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 18% की गिरावट दर्शाता है। फिर भी, कंपनी के हालिया ग्रीन बॉन्ड फंडरेज़िंग से इसमें आगे तेजी आने की संभावना जताई जा रही है।
निवेशकों में बढ़ता भरोसा और मार्केट इंटरेस्ट
निवेशकों ने इस ग्रीन बॉन्ड को लेकर जिस प्रकार की उत्सुकता दिखाई है, वह NHPC की दीर्घकालिक रणनीति और भारत की हरित ऊर्जा नीतियों में विश्वास का संकेत है। इस फंडरेज़िंग के ज़रिए NHPC ने यह सिद्ध कर दिया है कि वह न सिर्फ ग्रीन एनर्जी को लेकर प्रतिबद्ध है, बल्कि निवेशकों के लिए एक विश्वसनीय विकल्प भी बनी हुई है।
भारत सरकार की ओर से स्वच्छ ऊर्जा को लेकर जिस तरह का समर्थन मिल रहा है, उसमें NHPC की यह पहल एक उदाहरण बन सकती है। इससे आने वाले वर्षों में निजी निवेश और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को भी बढ़ावा मिल सकता है।