
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना, जिसका उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और आयात निर्भरता को कम करना है, सौर ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों के लिए वरदान साबित हो रही है, इस योजना के तहत, रिलायंस, टाटा पावर और अडानी समूह जैसी बड़ी ऊर्जा कंपनियों को सबसे अधिक लाभ मिलने की उम्मीद है, क्योंकि वे देश में एकीकृत सौर विनिर्माण क्षमताएं स्थापित करने में भारी निवेश कर रही हैं।
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‘हाई एफिशिएंसी सोलर पीवी मॉड्यूल्स में राष्ट्रीय कार्यक्रम’ नामक इस पीएलआई योजना के तहत, कई कंपनियों को प्रोत्साहन राशि आवंटित की गई है। इस सरकारी पहल से सीधे तौर पर सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली शीर्ष कंपनियां निम्नलिखित हैं:
रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर
अरबपति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज की यह सहायक कंपनी पीएलआई योजना के दोनों चरणों में प्रमुख लाभार्थी रही है। कंपनी ने बड़ी विनिर्माण क्षमताओं के लिए मंजूरी हासिल की है, जिससे उसे महत्वपूर्ण सरकारी प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
टाटा पावर सोलर
टाटा समूह की यह बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा इकाई भी इस योजना के प्रमुख लाभार्थियों में से एक है। टाटा पावर सोलर को भी अपनी मौजूदा और नई सौर विनिर्माण क्षमताओं के विस्तार के लिए योजना के तहत प्रोत्साहन प्राप्त होगा।
अडानी इन्फ्रास्ट्रक्चर
गौतम अडानी के नेतृत्व वाला अडानी समूह भी सौर ऊर्जा क्षेत्र में एक बड़ा खिलाड़ी है। समूह की कंपनियों को भी इस योजना के तहत सौर विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए चुना गया है, जिससे उन्हें बड़ा वित्तीय लाभ होगा।
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इंडोसोल सोलर
शिर्डी साईं इलेक्ट्रिकल की विशेष प्रयोजन इकाई (SPV) इंडोसोल सोलर भी उन चुनिंदा कंपनियों में शामिल है, जिन्हें पीएलआई योजना के तहत महत्वपूर्ण प्रोत्साहन राशि आवंटित की गई है, जो घरेलू सौर पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ये कंपनियां भारत को सौर विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप, पॉलीसिलिकॉन से लेकर वेफर्स, सेल्स और मॉड्यूल्स तक, संपूर्ण एकीकृत मूल्य श्रृंखला स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। यह योजना न केवल आयात पर निर्भरता कम करेगी बल्कि देश को 2030 के महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी मदद करेगी।







