पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से छत्तीसगढ़ के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा मिल रहा है। इस योजना के माध्यम से लोगों के घरों में स्वच्छ, सस्ती और पर्यावरण हितैषी बिजली उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे वे ऊर्जा के प्रति आत्मनिर्भर हो रहे हैं। रायगढ़ जिले के चक्रधरनगर बंगलापारा निवासी मोहन सिंह ठाकुर का अनुभव इस योजना की सफलता की एक शानदार मिसाल है।

पीएम सूर्यघर योजना का परिचय
प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के अंतर्गत सरकार सोलर पैनलों की खरीद पर भारी सब्सिडी देती है। उदाहरण के लिए, एक किलोवाट सोलर प्लांट से प्रति माह लगभग 120 यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। इस पर केंद्र सरकार 30 हजार रुपये और राज्य सरकार 15 हजार रुपये की संयुक्त सब्सिडी देती है, जिससे उपभोक्ता को केवल 15 हजार रुपये का खर्च वहन करना पड़ता है। इसी प्रकार, दो किलोवाट और तीन किलोवाट क्षमता वाले सोलर प्लांट्स के लिए विभिन्न स्तरों पर सब्सिडी प्रदान की जाती है, जिससे लागत काफी कम हो जाती है। इसमें बैंक ऋण की सुविधा भी उपलब्ध है, जो योजना को सरल और सुलभ बनाती है।
मोहन सिंह ठाकुर की प्रेरक कहानी
मोहन सिंह ठाकुर ने पांच किलोवाट का सोलर प्लांट स्थापित कर साबित किया कि सौर ऊर्जा न केवल बिजली के बिल को खत्म करती है, बल्कि घरेलू ऊर्जा जरूरतें भी पूरी करती है। पहले उन्हें मासिक 2500 से 3000 रुपये का बिजली बिल देना पड़ता था, लेकिन अब उनके घर में उत्पन्न बिजली की वजह से बिल एकदम न के बराबर है और कभी-कभी अतिरिक्त बिजली ग्रिड को बेचकर बिल में कटौती भी कर पाते हैं। उन्होंने बताया कि बैंक लोन प्रक्रिया बेहद पारदर्शी और तेज थी, सब्सिडी राशि सीधे उनके बैंक खाते में मिली और ऊर्जा विभाग द्वारा ग्रिड कनेक्शन समय पर दिया गया।
योजना के सकारात्मक प्रभाव
इस योजना से न सिर्फ छत्तीसगढ़ के सैकड़ों परिवारों को मुफ्त बिजली मिल रही है, बल्कि यह प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा स्वावलंबन की दिशा में एक बड़ा कदम भी साबित हो रही है। सब्सिडी और सरल आवेदन प्रक्रिया ने इसे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में काफी लोकप्रिय बना दिया है। इससे न केवल बिजली का खर्च कम हो रहा है, बल्कि लोगों का विश्वास भी बढ़ा है कि सौर ऊर्जा स्थायी ऊर्जा विकल्प है।
Also Read- PM सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना: एक लाख घरों में लगेगा सोलर सिस्टम
योजना के लाभ
- सौर ऊर्जा आधारित मुफ्त बिजली उत्पादन
- केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त सब्सिडी से कम लागत
- बैंक ऋण की आसान उपलब्धता
- कम बिजली बिल और आर्थिक राहत
- पर्यावरण संरक्षण में योगदान
पीएम सूर्यघर योजना ने छत्तीसगढ़ में स्वच्छ ऊर्जा को सुलभ बनाते हुए घर-घर बिजली पहुंचाने का मिशन बड़ा प्रभावी ढंग से शुरू कर दिया है। मोहन सिंह ठाकुर जैसे सफल उदाहरण यह दर्शाते हैं कि सही समय पर योजनाओं का लाभ उठाकर व्यक्ति न केवल आर्थिक रूप से मजबूत हो सकता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे सकता है। यह योजना प्रदेश के कुल बिजली खपत को नियंत्रित करके ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की नई ऊंचाईयां हासिल करने का माध्यम बनी है।
यह योजना छत्तीसगढ़ के लिए नवीनीकृत ऊर्जा की दिशा में एक निर्णायक कदम है, जो आने वाले समय में प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को पूर्ण रूप से मुक्त और स्वावलंबी बना देगी।







