अब इंसानों के साथ मिलकर काम करेंगे रोबोट! सोलर पैनल इंस्टॉलेशन का दिखेगा नया तरीका

West Texas में Rosendin दिखाने जा रहा है भविष्य की झलक—जहां रोबोट और इंसान साथ मिलकर सोलर मॉड्यूल इंस्टॉल करेंगे, वो भी जीपीएस और AI टेक्नोलॉजी की मदद से, जो रिन्यूएबल सेक्टर में लेबर की कमी और लागत दोनों का हल बन सकता है।

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Written by Rohit Kumar

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अब इंसानों के साथ मिलकर काम करेंगे रोबोट! सोलर पैनल इंस्टॉलेशन का दिखेगा नया तरीका
अब इंसानों के साथ मिलकर काम करेंगे रोबोट! सोलर पैनल इंस्टॉलेशन का दिखेगा नया तरीका

Robots to work with humans to demonstrate solar module installation—यह वाक्य अब सिर्फ एक भविष्य की कल्पना नहीं, बल्कि एक हकीकत बनने जा रहा है। अमेरिका की प्रतिष्ठित इलेक्ट्रिकल कॉन्ट्रैक्टिंग कंपनी Rosendin ने घोषणा की है कि उसकी Renewable Energy Group (RREG) टेक्सास के वेस्ट रीजन में निर्माणाधीन एक बड़े रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy प्रोजेक्ट पर ऑटोनॉमस रोबोटिक सोल्यूशन का डेमो प्रस्तुत करेगी। यह प्रदर्शन 17 अप्रैल 2025 को किया जाएगा, जिसमें रोबोट्स और इंसानों की साझेदारी से सोलर मॉड्यूल इंस्टॉलेशन को नए स्तर पर दिखाया जाएगा।

रोबोट्स की मदद से तीन गुना तेज़ इंस्टॉलेशन

Rosendin के अनुसार, यह तीन-भागीय रोबोटिक सिस्टम पारंपरिक मानव श्रमिकों की तुलना में सोलर मॉड्यूल को तीन गुना तेज़ी से इंस्टॉल कर सकता है। इससे न सिर्फ काम की स्पीड बढ़ती है, बल्कि वर्कर सेफ्टी में भी सुधार होता है। खास बात यह है कि यह तकनीक मौजूदा लेबर शॉर्टेज की समस्या का समाधान भी प्रस्तुत करती है, जो रिन्यूएबल सेक्टर में दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है।

लेबर शॉर्टेज बनी बड़ी चुनौती

हाल ही में National Electrical Manufacturers Association (NEMA) द्वारा आयोजित वेबिनार में Southwire के CEO Rich Stinson ने कहा कि लेबर शॉर्टेज वर्तमान में एक महत्वपूर्ण “चोकपॉइंट” बन चुका है। डेटा सेंटर्स और इलेक्ट्रिफिकेशन की बढ़ती मांग को देखते हुए सोलर इंस्टॉलेशन की गति तेज़ करना जरूरी हो गया है।

तकनीकी विशेषताएं और प्रिसिजन इंस्टॉलेशन

Rosendin की रिपोर्ट के अनुसार, यह रोबोटिक सिस्टम GPS और KMZ मैपिंग की मदद से केवल 2 मिमी की सटीकता में सोलर मॉड्यूल को प्लेस कर सकता है। इसमें लिडार-बेस्ड ऑब्स्टेकल डिटेक्शन और अवॉइडेंस, उबड़-खाबड़ ज़मीन पर मूवमेंट की क्षमता और मॉड्यूल की सटीक पोजिशनिंग जैसी उन्नत तकनीकें शामिल हैं।

इंसान और मशीन की साझेदारी

डेमो के दौरान यह भी दिखाया जाएगा कि कैसे इलेक्ट्रिशियन की कुशल टीम इस रोबोटिक सिस्टम के साथ मिलकर काम करती है। पहले किए गए फील्ड टेस्ट में, रोबोट्स और दो इंसानों की टीम ने प्रति आठ घंटे की शिफ्ट में 350 से 400 मॉड्यूल इंस्टॉल किए—जो कि सामान्यतः तीन से चार लोगों की मैनुअल टीम से तीन गुना ज़्यादा है।

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भारी काम का बोझ रोबोट्स के हवाले

Rosendin द्वारा विकसित यह हाइब्रिड गैस और बैटरी पावर्ड सिस्टम तीन भागों में काम करता है। इसमें एक पैनल-सेटिंग रोबोट शामिल है, जो एक ट्रैक्ड कंस्ट्रक्शन-ग्रेड रोबोटिक प्लेटफॉर्म पर माउंटेड होता है और इसमें एक इंटीग्रेटेड रोबोटिक आर्म और 9 वैक्यूम सक्शन कप्स लगे होते हैं। यह रोबोट 100 पाउंड तक वजन उठा सकता है और इंस्टॉलेशन साइट तक मॉड्यूल्स को ले जाता है। साथ ही दो पैनल-कैरीइंग रोबोट मॉड्यूल्स को लोडिंग एरिया से इंस्टॉलेशन पॉइंट तक पहुंचाते हैं।

मुश्किल मौसम और भू-प्रकृति में भी काम करने की क्षमता

Rosendin के मुताबिक, यह प्रोटोटाइप अत्यधिक तापमान, हवा, बारिश, कीचड़, गड्ढे और 30 डिग्री तक की चढ़ाई वाली चट्टानी ज़मीन पर भी प्रभावी रूप से काम करने में सक्षम है। इसका मतलब है कि यह रोबोटिक सिस्टम रिमोट लोकेशन वाले प्रोजेक्ट्स के लिए भी उपयुक्त है।

साझेदारी और विकास यात्रा

इस पूरी तकनीक को Rosendin ने न्यूयॉर्क स्थित रोबोटिक्स डेवलपर ULC Technologies के साथ मिलकर विकसित किया है। पिछले 15 वर्षों में Rosendin ने अमेरिका, गुआम और प्यूर्टो रिको में करीब 7 GW के सोलर प्रोजेक्ट्स सफलतापूर्वक इंस्टॉल किए हैं और 7 GW से अधिक प्रोजेक्ट्स डेवलपमेंट स्टेज में हैं। इसके अतिरिक्त, कंपनी इस समय 2.5 GW की निर्माणाधीन परियोजनाओं पर काम कर रही है। इसके प्रमुख प्रोजेक्ट्स में Texas का Aktina Renewable Power Project, Nevada का Townsite Solar-plus-storage Project और California का Athos Renewable Energy Project शामिल हैं।

इन्वेस्टर्स और डेवलपर्स के लिए अवसर

Rosendin ने डेवलपर्स और बिज़नेस लीडर्स को इस अनोखे डेमो का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया है। यह डेमो न केवल तकनीकी कौशल का परिचय देगा बल्कि यह दिखाएगा कि आने वाले समय में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर कैसे इंसानों और रोबोट्स की साझेदारी से नई ऊंचाइयां छू सकता है।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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