
ऊर्जा की बढ़ती कीमतों और जलवायु परिवर्तन की चिंताओं के बीच, घरों और व्यवसायों के लिए सोलर वॉटर हीटर (सौर जल तापक) एक व्यवहार्य, किफायती और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प के रूप में उभरे है, विशेषज्ञों का मानना है कि महंगे बिजली-संचालित गीज़र की जगह सोलर हीटर स्थापित करके उपभोक्ता न केवल अपने मासिक बिजली बिलों में भारी कटौती कर सकते हैं, बल्कि जीवनकाल में ₹50,000 या उससे अधिक की बचत भी कर सकते हैं।
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बचत का गणित
पारंपरिक बिजली गीज़र पानी गर्म करने के लिए बड़ी मात्रा में बिजली की खपत करते हैं, जिससे बिजली बिल में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। वहीं, सोलर हीटर सूर्य की मुफ्त ऊर्जा का उपयोग करते है, एक बार की स्थापना लागत के बाद, इनकी परिचालन लागत (operating cost) लगभग नगण्य होती है। यह सीधा अंतर लंबी अवधि में हज़ारों रुपये की बचत में तब्दील हो जाता है।
सरकारी प्रोत्साहन और सब्सिडी
भारत सरकार नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) के माध्यम से देश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रही है। सोलर वॉटर हीटर लगवाने पर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न सब्सिडी योजनाएं और वित्तीय प्रोत्साहन दिए जाते हैं, जिससे प्रारंभिक निवेश का बोझ कम हो जाता है।
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पर्यावरणीय लाभ
आर्थिक लाभ के अलावा, सोलर हीटर पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करते हैं और कार्बन उत्सर्जन में कटौती करते हैं, जिससे व्यक्तियों को अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिलती है।
विशेषज्ञों की सलाह
ऊर्जा प्रबंधन विशेषज्ञों का सुझाव है कि यह समय महंगा गीज़र खरीदने या इस्तेमाल करने में पैसा बर्बाद करने के बजाय, स्थायी समाधानों की ओर मुड़ने का है। एक सामान्य परिवार के लिए भी सोलर हीटर एक स्मार्ट और टिकाऊ निवेश साबित हो सकता है।
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अपने घर या वाणिज्यिक प्रतिष्ठान के लिए सोलर हीटर लगवाने और उपलब्ध सरकारी योजनाओं के बारे में अधिक जानकारी के लिए, उपभोक्ताओं को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) की आधिकारिक वेबसाइट या अपने स्थानीय राज्य नोडल एजेंसी (State Nodal Agency) से संपर्क करने की सलाह दी जाती है, यह कदम न केवल तात्कालिक वित्तीय राहत देगा, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।







