
सोलर एनर्जी सेक्टर (Solar Energy Sector) इन दिनों निवेशकों के लिए बड़ा आकर्षण बना हुआ है। हाल ही में इस क्षेत्र में आई अभूतपूर्व तेजी ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेशकों का ध्यान खींचा है। खासतौर पर भारत में साल 2024 की पहली छमाही में रिकॉर्ड 15 गीगावाट सोलर क्षमता (Solar Capacity) की स्थापना ने इस सेक्टर की संभावनाओं को और प्रबल किया है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 282% अधिक है, जो दर्शाता है कि भारत अब तेजी से Renewable Energy की दिशा में अग्रसर हो रहा है।
अमेरिका के टैक्स क्रेडिट्स और घरेलू निर्माण को बढ़ावा ने वैश्विक सोलर शेयरों को दी मजबूती
अमेरिका में हाल ही में पारित बजट बिल ने सोलर उद्योग (Solar Industry) को मिलने वाले टैक्स क्रेडिट्स (Tax Credits) को बरकरार रखा है। यह फैसला खासतौर पर उन कंपनियों के लिए फायदेमंद साबित हुआ है जो घरेलू स्तर पर उत्पादन करती हैं। First Solar, Array Technologies, Nextracker और Sunrun जैसी कंपनियों के शेयरों में दो अंकों की तेजी दर्ज की गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह टैक्स क्रेडिट्स अगले कुछ वर्षों तक इन कंपनियों को स्थिर निवेश और उत्पादन क्षमता विस्तार के लिए मजबूत आधार प्रदान करेंगे।
इसके साथ ही अमेरिकी नीति निर्माताओं ने विदेशी घटकों, विशेष रूप से चीन से आयातित सोलर पैनलों और उपकरणों पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई है। इसका सीधा फायदा स्थानीय निर्माताओं को मिलेगा, जिससे वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा का संतुलन बदल सकता है।
भारत की ऊर्जा मांग में उछाल: AI और डेटा सेंटर्स ने बढ़ाई बिजली की खपत
भारत और अन्य देशों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा सेंटर्स की मांग बढ़ने से ऊर्जा की खपत में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसका असर Renewable Energy विशेषकर सोलर एनर्जी पर पड़ा है क्योंकि पारंपरिक स्रोतों से इतनी अधिक और स्थिर आपूर्ति करना कठिन होता जा रहा है। कंपनियां अब सोलर पावर को एक भरोसेमंद, टिकाऊ और दीर्घकालिक विकल्प के रूप में देख रही हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले वर्षों में AI आधारित सेवाओं, स्मार्ट सिटी परियोजनाओं और इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती संख्या बिजली की मांग को और बढ़ाएगी, जिससे सोलर एनर्जी सेक्टर को और बल मिलेगा।
भारत में सोलर कंपनियों का प्रदर्शन: रिकॉर्ड स्थापना से शेयरों में उछाल
भारत में Renewable Energy पर बढ़ते जोर और सरकारी प्रोत्साहनों के चलते सोलर कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त तेजी आई है। 2024 की पहली छमाही में 15 गीगावाट सोलर क्षमता की स्थापना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह न केवल भारत के जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है बल्कि निवेशकों को भी एक स्थायी रिटर्न देने वाली संपत्ति के रूप में आकर्षित करता है।
Adani Green Energy जैसी कंपनियां, जिनकी परियोजनाएं देशभर में फैली हुई हैं, इस तेजी की सबसे बड़ी लाभार्थी रही हैं। इसके अलावा Tata Power Solar और ACME Solar जैसी कंपनियों ने भी मजबूत प्रदर्शन किया है। विशेष रूप से ACME Solar ने 130% की वृद्धि के साथ ₹251 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया है, जो इस सेक्टर की लाभकारी संभावनाओं को उजागर करता है।
संभावित जोखिम और नीति से जुड़ी अनिश्चितताएं
हालांकि इस तेजी के पीछे सकारात्मक कारक हैं, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी हैं जिन पर ध्यान देना आवश्यक है। अमेरिका में पारित नए बजट बिल में 2029 से टैक्स क्रेडिट्स को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का प्रस्ताव है। इससे आने वाले वर्षों में परियोजनाओं की वित्तीय योजना और पूंजी निवेश पर असर पड़ सकता है।
साथ ही, विदेशी घटकों पर प्रतिबंध लगाने से आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) बाधित हो सकती है, जिससे निर्माण लागत और समयसीमा प्रभावित हो सकती है। भारत में भी यदि नीति में कोई बड़ा बदलाव होता है या उपकरणों के आयात पर अतिरिक्त कर लगाए जाते हैं, तो सोलर परियोजनाओं की प्रगति धीमी पड़ सकती है।
विशेषज्ञों की सलाह: दीर्घकालिक निवेश के लिए मजबूत विकल्प लेकिन सतर्कता जरूरी
ऊर्जा क्षेत्र के विश्लेषकों का मानना है कि सोलर एनर्जी सेक्टर दीर्घकालिक निवेश के लिहाज से एक मजबूत विकल्प है। लेकिन निवेशकों को सतर्क रहकर वैश्विक नीति परिवर्तनों, आपूर्ति श्रृंखला की स्थिति और बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव पर नज़र रखनी चाहिए। मौजूदा हालात में यह सेक्टर स्थिर और पर्यावरण-संगत रिटर्न देने की क्षमता रखता है, बशर्ते नीतिगत समर्थन बना रहे।
भारत की प्रमुख सोलर कंपनियां जिन पर निवेशकों की नजर
Adani Green Energy, Tata Power Solar और ACME Solar जैसी कंपनियां भारत की सोलर क्रांति में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। ये कंपनियां न केवल सौर ऊर्जा उत्पादन में निवेश कर रही हैं, बल्कि नवीनतम तकनीकों और वैश्विक साझेदारियों के माध्यम से अपनी उत्पादन क्षमता और रिटर्न में वृद्धि कर रही हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन कंपनियों में दीर्घकालिक निवेश करने वाले निवेशकों को आने वाले वर्षों में अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं, खासकर यदि भारत अपने Renewable Energy लक्ष्यों को समय से पहले पूरा करता है।