उत्तर प्रदेश सरकार ने खरीफ सीजन में किसानों की सिंचाई जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सोलर पंप पर सब्सिडी देने की अहम पहल की है। इस योजना के तहत किसानों को सोलर पंप की लागत का केवल 40% भुगतान करना होगा, जबकि 60% तक की सब्सिडी सरकार की ओर से दी जाएगी। यह योजना प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम योजना) का हिस्सा है, जो रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) को बढ़ावा देने और किसानों की ऊर्जा जरूरतों को सस्ती दरों पर पूरा करने के लिए केंद्रित है।
किसान इस योजना का लाभ उठाकर अपनी सिंचाई की लागत को काफी कम कर सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इस योजना के बारे में, आवेदन प्रक्रिया, और मिलने वाले सब्सिडी के लाभ।
उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और ग्रीन एनर्जी (Green Energy) को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। किसान इस योजना का लाभ उठाकर अपनी सिंचाई लागत को कम कर सकते हैं और सोलर पंप की मदद से ऊर्जा पर अपनी निर्भरता को भी कम कर सकते हैं।
सोलर पंप पर मिलने वाली सब्सिडी का विवरण
इस योजना के तहत किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार 2 एचपी (Horsepower) से लेकर 10 एचपी तक के सोलर पंप स्थापित कर सकते हैं। सब्सिडी का विवरण कुछ इस प्रकार है:
- 2 एचपी डीसी/एसी सरफेस पंप: ₹1,71,716 की कीमत में सरकार ₹63,686 की सब्सिडी प्रदान करती है, जिससे किसान को केवल ₹1,08,030 का भुगतान करना होगा।
- 2 एचपी डीसी सबमर्सिबल पंप: ₹1,69,541 की कुल कीमत पर सरकार ₹64,816 की सब्सिडी देती है। इस तरह किसान की लागत ₹1,04,725 रह जाती है।
- 3 एचपी डीसी सबमर्सिबल पंप: ₹2,27,721 की कीमत पर ₹88,088 की सब्सिडी प्रदान की जाती है, जिससे किसान को ₹1,39,633 का भुगतान करना होगा।
- 5 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप: ₹3,22,498 की लागत पर सरकार ₹1,25,999 की सब्सिडी देती है। किसान की हिस्सेदारी ₹1,96,499 रह जाती है।
- 7 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप: ₹4,39,094 की कीमत पर सरकार ₹1,72,638 की सब्सिडी प्रदान करती है। किसान की लागत ₹2,66,456 होती है।
- 10 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप: ₹5,53,620 की कुल कीमत पर सरकार ₹2,86,164 की सब्सिडी देती है। इस प्रकार किसान को ₹2,66,456 का भुगतान करना होता है।
सभी किसानों को आवेदन के समय ₹5,000 का टोकन शुल्क जमा करना होगा।
सोलर पंप सब्सिडी आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होगा:
- पंजीकरण: किसान उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट www.agriculture.up.gov.in पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं।
- ऑनलाइन आवेदन: वेबसाइट पर उपलब्ध “सब्सिडी वाले सोलर पंप बुकिंग” लिंक पर क्लिक करके आवेदन फॉर्म भरें।
- टोकन शुल्क: पंजीकरण के समय ₹5,000 का टोकन शुल्क जमा करें। यह राशि ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी माध्यम से भारतीय बैंक की शाखा में जमा की जा सकती है।
- पुष्टि: पंजीकरण के बाद किसानों को 25 जून 2024 तक उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से पुष्टिकरण संदेश मिलेगा।
- शेष भुगतान: सब्सिडी प्राप्त करने के लिए शेष भुगतान निर्दिष्ट समय सीमा में पूरा करना होगा।
योजना से जुड़े नियम और शर्तें
- यह योजना केवल उत्तर प्रदेश राज्य के किसानों के लिए मान्य है।
- किसान को आवेदन के लिए अपनी भूमि का विवरण और सिंचाई आवश्यकताओं का उल्लेख करना होगा।
- एक किसान एक ही बार इस योजना का लाभ उठा सकता है।
- सब्सिडी की राशि सीधे पंप की कुल लागत में समायोजित की जाएगी।
पीएम-कुसुम योजना के लाभ
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम योजना) के तहत किसानों को न केवल ऊर्जा लागत में कमी का लाभ मिलता है, बल्कि यह योजना ग्रीन एनर्जी को भी बढ़ावा देती है। सोलर पंप की स्थापना से किसानों को बिजली पर निर्भरता कम करनी पड़ेगी, और वे अपनी जरूरतों को सौर ऊर्जा से पूरा कर पाएंगे।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. इस योजना का लाभ कौन उठा सकता है?
उत्तर: यह योजना केवल उत्तर प्रदेश राज्य के किसानों के लिए है। उन्हें अपनी भूमि का विवरण और सिंचाई की आवश्यकता के अनुसार आवेदन करना होगा।
2. योजना में आवेदन करने की अंतिम तिथि क्या है?
उत्तर: किसानों को 25 जून 2024 तक पंजीकरण और टोकन शुल्क जमा करना होगा।
3. सोलर पंप की कितनी सब्सिडी मिलेगी?
उत्तर: सब्सिडी 60% तक होगी, जो पंप की कुल लागत के आधार पर अलग-अलग है।
4. टोकन शुल्क क्या है और इसे कहां जमा करना होगा?
उत्तर: आवेदन के समय किसानों को ₹5,000 का टोकन शुल्क जमा करना होगा। यह राशि ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से जमा की जा सकती है।
5. आवेदन के लिए कौन-कौन से दस्तावेज़ चाहिए?
उत्तर: किसान को भूमि का विवरण, पहचान पत्र, बैंक खाता विवरण, और सिंचाई की जरूरतों का उल्लेख करना होगा।
6. सब्सिडी की राशि कैसे मिलेगी?
उत्तर: सब्सिडी की राशि सोलर पंप की कुल लागत में समायोजित कर दी जाएगी।
7. क्या यह योजना अन्य राज्यों में भी लागू है?
उत्तर: यह योजना प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत राष्ट्रीय स्तर पर है, लेकिन सब्सिडी की दर और प्रक्रिया राज्य सरकारों पर निर्भर करती है।
8. क्या छोटे किसानों को प्राथमिकता मिलेगी?
उत्तर: हां, योजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों की सिंचाई आवश्यकताओं को प्राथमिकता देना है।