
यूपी मेट्रो ने हाल ही में एक बड़ी पहल के तहत 5 मेगावाट (MW) की रूफटॉप सोलर परियोजना के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं, जिससे लखनऊ, कानपुर और आगरा जैसे बड़े शहरों को ग्रीन एनर्जी-Green Energy मिलने की उम्मीद है। यह परियोजना उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) द्वारा शुरू की गई है और इसका उद्देश्य मेट्रो स्टेशनों और डिपो पर रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy का उपयोग करना है।
यह परियोजना RESCO (Renewable Energy Service Company) मॉडल के तहत प्रस्तावित की गई है, जिसमें चयनित कंपनी सौर ऊर्जा संयंत्र को डिज़ाइन करेगी, इंस्टॉल करेगी और 25 वर्षों तक इसका संचालन और रखरखाव भी करेगी। परियोजना का क्रियान्वयन तीन शहरों – लखनऊ, आगरा और कानपुर – के मेट्रो स्टेशनों और डिपो में किया जाएगा। इससे इन शहरी क्षेत्रों की बिजली ज़रूरतें हरित स्रोतों से पूरी की जा सकेंगी और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम होगी।
यह भी देखें: उत्तर प्रदेश में शुरू हो गया है सोलर योजना के लिए सर्वे, जानें कैसे आप भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं
परियोजना की समयसीमा और लागत
यूपी मेट्रो की इस सोलर परियोजना की अनुमानित लागत करीब ₹20.42 करोड़ बताई गई है। कार्यादेश मिलने के 24 महीनों के भीतर परियोजना को पूरा करना अनिवार्य होगा। टेंडर जमा करने की अंतिम तिथि 30 मई 2025 निर्धारित की गई है, और टेंडर खोलने की प्रक्रिया 31 मई 2025 को पूरी होगी।
यह कदम न केवल स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देगा, बल्कि यूपी मेट्रो की परिचालन लागत में भी उल्लेखनीय कमी लाएगा। सोलर रूफटॉप प्रोजेक्ट्स की यह खासियत होती है कि एक बार निवेश के बाद, लंबे समय तक मुफ्त ऊर्जा उपलब्ध होती है, जिससे पर्यावरण के साथ-साथ आर्थिक फायदे भी होते हैं।
तकनीकी और वित्तीय पात्रता शर्तें
टेंडर में भाग लेने वाली कंपनियों के लिए कई महत्वपूर्ण पात्रता मानदंड तय किए गए हैं। पिछले पांच वर्षों में न्यूनतम वार्षिक औसत टर्नओवर ₹8.16 करोड़ होना चाहिए। इसके अलावा, न्यूनतम निवल मूल्य ₹2.042 करोड़ निर्धारित किया गया है। इच्छुक कंपनियों को ₹40.8 लाख की बोली सुरक्षा जमा (EMD) और ₹23,600 का टेंडर दस्तावेज़ शुल्क भी जमा करना होगा।
टेंडर में एकल कंपनियों के साथ-साथ कंसोर्टियम और संयुक्त उपक्रमों को भी भाग लेने की अनुमति दी गई है। इसका उद्देश्य अधिक प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करना और अनुभवी कंपनियों को आकर्षित करना है, जो परियोजना को समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा कर सकें।
पर्यावरणीय दृष्टिकोण से बड़ी पहल
यूपी मेट्रो का यह प्रयास सिर्फ एक ऊर्जा परियोजना नहीं है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश में सतत विकास की दिशा में उठाया गया एक मजबूत कदम है। रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी आएगी और पर्यावरणीय प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकेगा।
यह भी देखें: 3511 सोलर पंप का ऑर्डर! इस कंपनी के शेयरों में 3279% का जबरदस्त उछाल – बोनस शेयर भी बंटे
साथ ही, स्थानीय स्तर पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
रणनीतिक शहरों के लिए लाभकारी योजना
लखनऊ, आगरा और कानपुर जैसे शहरों में मेट्रो प्रणाली के विस्तार के साथ-साथ इनकी बिजली खपत भी बढ़ रही है। ऐसे में 5MW की यह रूफटॉप सोलर परियोजना आने वाले समय में इन शहरों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में एक स्थायी समाधान साबित हो सकती है। इससे मेट्रो स्टेशनों की निर्भरता ग्रिड-बेस्ड बिजली पर कम होगी और परिचालन अधिक प्रभावशाली तथा लागत-कुशल बनेगा।
सरकारी नीति और प्रोत्साहन
यह परियोजना केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने की नीति के अनुरूप है। भारत सरकार पहले ही रूफटॉप सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी और टैक्स बेनिफिट्स दे रही है, जिससे इस तरह की परियोजनाओं को तेजी से स्वीकृति मिल रही है।
इस परियोजना के जरिए यूपी मेट्रो ना सिर्फ ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी अपनी अहम भूमिका निभा रहा है।
यह भी देखें: भारत में सोलर बिजनेस बना रहा है करोड़पति! जानिए कितनी जबरदस्त होती है प्रॉफिट मार्जिन