
भारत में Vikram Solar द्वारा निर्मित 1 किलोवाट (1kW Solar System) क्षमता वाला सोलर सिस्टम आमतौर पर प्रतिदिन 4 से 5 यूनिट बिजली उत्पन्न करने की क्षमता रखता है, खासकर आगरा जैसे उत्तरी भारत के शहरों में। देश में बढ़ती रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) की मांग और बिजली दरों में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए, घरेलू उपयोगकर्ताओं के बीच छोटे सोलर सिस्टम की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।
विक्रम सोलर का यह सिस्टम विशेष रूप से उन परिवारों के लिए उपयुक्त है जो अपने घरों में सीमित लेकिन स्थायी ऊर्जा समाधान की तलाश में हैं। भारत की भौगोलिक स्थिति और विकिरण स्तर को देखते हुए, 1kW का सिस्टम साल भर में औसतन 1,400 से 1,800 यूनिट बिजली पैदा कर सकता है। यह न सिर्फ बिजली के बिल में कटौती करता है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी एक सकारात्मक कदम है।
दैनिक, मासिक और वार्षिक उत्पादन क्षमता
Vikram Solar के इस 1kW सिस्टम से आप प्रतिदिन 4 से 5 यूनिट बिजली प्राप्त कर सकते हैं। इसका मतलब है कि एक महीने में यह सिस्टम 120 से 150 यूनिट और पूरे साल में लगभग 1,400 से 1,800 यूनिट बिजली का उत्पादन कर सकता है। यह उत्पादन सीधे तौर पर आपके बिजली बिल को घटा सकता है, और कुछ मामलों में पूरी तरह से खत्म भी कर सकता है, अगर बिजली खपत कम हो।
किन कारकों से प्रभावित होता है बिजली उत्पादन
सौर ऊर्जा उत्पादन कई कारकों पर निर्भर करता है। सबसे पहले तो सौर पैनल की गुणवत्ता बेहद महत्वपूर्ण है। Vikram Solar जैसी कंपनियां उच्च गुणवत्ता के पैनल प्रदान करती हैं, जो कम विकिरण में भी अच्छी दक्षता के साथ बिजली उत्पन्न कर सकते हैं।
दूसरा बड़ा कारक है स्थापना का कोण और दिशा। यदि पैनलों को दक्षिण दिशा की ओर उचित झुकाव (टिल्ट ऐंगल) के साथ स्थापित किया गया है, तो वे पूरे दिन सूर्य की रोशनी को अच्छे से कैप्चर कर सकते हैं।
साफ-सफाई भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत जैसे धूलयुक्त वातावरण में पैनलों पर धूल, मिट्टी और पक्षियों की बीट जम जाना आम बात है। यदि पैनल नियमित रूप से साफ नहीं किए जाते, तो यह उनकी कार्यक्षमता को 20% तक घटा सकता है।
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मौसम भी महत्वपूर्ण है। धूप वाले दिनों में उत्पादन उच्च रहता है, जबकि बादल और बरसात के मौसम में यह घटकर आधे से भी कम हो सकता है। हालांकि, पूरे वर्ष के औसत को देखते हुए यह सिस्टम काफी संतुलित प्रदर्शन करता है।
1kW सोलर सिस्टम से चलने वाले घरेलू उपकरण
एक सामान्य घर में 1kW का सिस्टम निम्नलिखित उपकरणों को चलाने में सक्षम होता है: 4 से 5 एलईडी बल्ब, 2 से 3 पंखे, एक छोटा फ्रिज, एक टीवी और मोबाइल चार्जर।
हालांकि, यह सिस्टम एयर कंडीशनर (AC), वॉशिंग मशीन, माइक्रोवेव, या गीजर जैसे भारी बिजली खपत वाले उपकरणों को लंबे समय तक चलाने में सक्षम नहीं है। अगर घर में इन उपकरणों का उपयोग अधिक है, तो 2kW या उससे अधिक क्षमता का सोलर सिस्टम बेहतर रहेगा।
लागत और सरकारी सब्सिडी
भारत में 1kW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम की लागत ₹50,000 से ₹80,000 के बीच होती है। यह लागत स्थान, उपकरण की गुणवत्ता और इंस्टॉलेशन चार्ज पर निर्भर करती है।
सरकार की ओर से PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana जैसी योजनाओं के तहत 40% तक की सब्सिडी (Subsidy) भी प्रदान की जाती है, जिससे आपकी प्रारंभिक लागत में भारी कमी आ सकती है।
इस योजना का लाभ उठाकर आप कम लागत में एक स्थायी और हरित ऊर्जा स्रोत अपने घर में स्थापित कर सकते हैं। इस योजना के तहत आवेदन की प्रक्रिया भी अब डिजिटल और सरल हो चुकी है।
व्यक्तिगत आवश्यकता के अनुसार चुनाव कैसे करें
यदि आप अपने घर के लिए उपयुक्त सोलर सिस्टम का चयन करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको अपने मासिक बिजली बिल और छत की उपलब्ध जगह का विश्लेषण करना होगा। एक औसत 1kW सिस्टम के लिए कम से कम 80 से 100 वर्गफुट जगह की आवश्यकता होती है।
Vikram Solar की वेबसाइट पर उपलब्ध सोलर कैलकुलेटर के माध्यम से आप अपनी जरूरत के अनुसार उपयुक्त सिस्टम का चयन कर सकते हैं। यह टूल आपके स्थान, छत के आकार और खपत के आधार पर सबसे उपयुक्त समाधान सुझाता है।
भारत में बढ़ती सौर ऊर्जा की भूमिका
भारत सरकार का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट नॉन-फॉसिल फ्यूल आधारित क्षमता हासिल करना है। ऐसे में Vikram Solar जैसी कंपनियों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। ये न केवल उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बना रही हैं, बल्कि सरकार के रिन्यूएबल एनर्जी लक्ष्य को भी सशक्त बना रही हैं।