पतंजलि 5kW सोलर सिस्टम (Patanjali 5kW Solar System) को इंस्टाल करने के बाद आप हर दिन 25 यूनिट तक बिजली बना सकते हैं। अगर आपके घर में हर दिन बिजली का लोड 25 यूनिट तक रहता है तो आप इस सोलर सिस्टम को स्थापित कर सकते हैं। ऐसे सोलर सिस्टम से सभी प्रकार के बिजली के उपकरणों को चला सकते हैं, और बिल को बहुत कम कर सकते हैं।
पतंजलि 5kW सोलर सिस्टम
सोलर सिस्टम को स्थापित करने से यूजर को कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं, 5kW का सोलर सिस्टम महीने में लगभग 750 यूनिट तक बिजली बना सकता है, ऐसे में बिल को काफी कम कर सकते हैं। सोलर सिस्टम को प्रयोग करने से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता है, ऐसे सिस्टम बिना प्रदूषण के ही बिजली बनाने का काम करते हैं। सोलर सिस्टम को लगाने का खर्च सिस्टम के प्रकार पर निर्भर करता है।
पतंजलि 5kW सोलर सिस्टम को लगाने का खर्चा
- पतंजलि 5kW ऑनग्रिड सोलर सिस्टम
- सोलर पैनल की कीमत-1.40 लाख रुपये
- सोलर इंवर्टर की कीमत- 50 हजार रुपये
- अन्य खर्चा- 30 हजार रुपये
- कुल कीमत- 2.20 लाख रुपये
- पतंजलि 5kW ऑफग्रिड सोलर सिस्टम
- सोलर पैनल की कीमत-1.50 लाख रुपये
- सोलर इंवर्टर की कीमत-60 हजार रुपये
- सोलर बैटरी की कीमत- 60 हजार रुपये
- अन्य खर्चा- 30 हजार रुपये
- कुल कीमत-3 लाख रुपये
सोलर सिस्टम को लगाने में होना वाला कुल खर्च सोलर पैनल के प्रकार (पॉलीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन) पर भी निर्भर करता है। ऑनग्रिड सोलर सिस्टम को लगवाने पर सरकार सब्सिडी भी प्रदान करती है, 5kW के सिस्टम पर 78 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाती है, ऐसे सिस्टम में ग्रिड को बिजली सिस्टम से भेजी जाती है।
पतंजलि 5kW सोलर सिस्टम के फायदे
- कुशल प्रयोग– इस सोलर सिस्टम का लाभ लंबे समय तक प्राप्त किया जा सकता है। इस सोलर सिस्टम से सभी इलेक्ट्रिक डिवाइसों को चलाया जा सकता है, ऐसे में बिजली बिल से भी राहत प्राप्त की जा सकती है।
- उच्च गुणवत्ता और दक्षता– पतंजलि के पॉलीक्रिस्टलाइन और मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
- वारंटी– सोलर सिस्टम में लगाए जाने वाले पैनल पर 10 साल की प्रोडक्ट वारंटी और 25 साल की परफ़ोर्मेंस वारंटी दी जाती है।
- कम रोशनी में भी बढ़िया प्रदर्शन– इनके द्वारा बनाए जाने वाले मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल आधुनिक तकनीक के होते हैं, इनके द्वारा खराब मौसम में भी बिजली बनाई जा सकती है।
- पर्यावरण को लाभ– सोलर सिस्टम पर्यावरण के अनुकूल ही कार्य करते हैं, इन्हें स्थापित कर के कार्बन फुटप्रिन्ट को कम किया जा सकता है। और ग्लोबल वार्मिंग जैसी परेशानियों को कम किया जा सकता है।
केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही नागरिकों को सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी योजनाओं से प्रेरित कर रही हैं, योजनाओं का लाभ उठा कर कुल खर्चे को कम किया जा सकता है। सोलर सिस्टम पर किये जाने वाले निवेश को बुद्धिमानी का निवेश कहा जाता है।