बिहार सरकार ने राज्य के किसानों को सशक्त बनाने और सिंचाई की लागत को कम करने के लिए “मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना” (Mukhyamantri Krishi Vidyut Sambandh Yojana) शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य डीजल संचालित पंपसेट्स को विद्युत संचालित पंपसेट्स में बदलना है। इसके तहत 4.80 लाख कृषि पंपसेट्स को मुफ्त बिजली कनेक्शन (Free Electricity Connection) दिया जाएगा।
इस योजना से न केवल किसानों की सिंचाई लागत में भारी कमी आएगी, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ कृषि (Sustainable Agriculture) को बढ़ावा देगी। किसानों से तुरंत आवेदन करने का आग्रह किया गया है ताकि इस योजना का लाभ समय पर उठाया जा सके।
बिहार के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी
बिहार कृषि विभाग (Bihar Agriculture Department) के अनुसार, राज्य में 7.20 लाख डीजल पंपसेट्स का उपयोग हो रहा था। पिछले प्रयासों के तहत 3.60 लाख पंपों को पहले ही विद्युत कनेक्शन मिल चुका है। अब राज्य सरकार का लक्ष्य 2026 तक 4.80 लाख पंपसेट्स का पूरी तरह से विद्युतीकरण करना है।
2024-25 की योजना प्रगति में वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1.50 लाख कनेक्शनों का लक्ष्य निर्धारित किया गया। अब तक 1 लाख किसानों को कनेक्शन मिल चुके हैं। शेष 50,000 कनेक्शन मार्च 2025 तक पूरे होने की उम्मीद है। 2025-26 का लक्ष्य अगले वित्तीय वर्ष में 1.50 लाख और पंपसेट्स का विद्युतीकरण होगा। एवं शेष 1.80 लाख पंपसेट्स का विद्युतीकरण सितंबर 2026 तक पूरा होगा।
पंप सेट के लिए कैसे करें आवेदन?
सरकार ने मुफ्त बिजली कनेक्शन (Free Electricity Connection for Farmers) के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल बना दिया है। इच्छुक किसान सुविधा ऐप (Suvidha App), डिस्कॉम पोर्टल (DISCOM Portal) एवं नजदीकी बिजली कार्यालय से आवेदन कर सकता है।
आवेदन के लिए आधार कार्ड, भूमि स्वामित्व के दस्तावेज एवं पंपसेट का सटीक स्थान आवश्यक हैं। सरकार ने इस योजना को पूरी तरह नि:शुल्क (Completely Free) रखा है। किसानों को आवेदन या कनेक्शन के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा।
डीजल की तुलना में बिजली: लागत में 10 गुना कमी
बिजली संचालित पंपसेट्स (Electric Pumpsets) की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये डीजल पंपों की तुलना में सिंचाई को 10 गुना सस्ता बनाते हैं। उदाहरण के लिए, जहां डीजल पंप के संचालन में प्रति घंटे ₹50-₹60 का खर्च आता है, वहीं विद्युत पंपसेट्स में यह खर्च ₹5-₹6 तक सीमित होता है।
इसके अतिरिक्त, बिजली से सिंचाई अधिक सटीक और कुशल होती है, जिससे फसल की उत्पादकता बढ़ती है। इससे किसानों को अधिक मुनाफा कमाने का अवसर मिलता है।
कृषि पंपों के विद्युतीकरण के लाभ
कृषि पंपों का विद्युतीकरण (Electrification of Agricultural Pumps) किसानों और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। इसके मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं:
- कृषि लागत में कमी: डीजल पर निर्भरता खत्म होने से किसानों की सिंचाई लागत में भारी बचत होगी। इससे वे अन्य कृषि संसाधनों में निवेश कर सकेंगे।
- पर्यावरणीय लाभ: डीजल से बिजली की ओर बदलाव से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। यह कदम रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) को बढ़ावा देगा।
- उत्पादकता में वृद्धि: सस्ते और भरोसेमंद सिंचाई साधनों से फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।
- कम रखरखाव: विद्युत पंपों को डीजल पंपों की तुलना में कम रखरखाव की आवश्यकता होती है।
- सुविधा और विश्वसनीयता: बिजली से चलने वाले पंप निरंतर सेवा प्रदान करते हैं और यह सिंचाई प्रक्रिया को सुगम बनाते हैं।
किसानों से सरकार का आह्वान
बिहार सरकार ने किसानों से आग्रह किया है कि वे इस योजना का लाभ उठाने के लिए तुरंत आवेदन करें। बिजली कनेक्शन के साथ-साथ किसानों को बिजली बिलों पर सब्सिडी (Subsidy on Electricity Bills) भी मिलेगी, जिससे सिंचाई की परिचालन लागत और कम होगी। यह पहल किसानों की आजीविका को बेहतर बनाने और कृषि क्षेत्र को अधिक टिकाऊ और लाभकारी बनाने के लिए राज्य सरकार के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है।
1. मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य डीजल पंपसेट्स को बिजली संचालित पंपसेट्स में बदलकर किसानों की सिंचाई लागत को कम करना और टिकाऊ सिंचाई को बढ़ावा देना है।
2. इस योजना के तहत कितने कृषि पंपसेट्स को बिजली कनेक्शन मिलेगा?
योजना के तहत 4.80 लाख कृषि पंपसेट्स को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया जाएगा।
3. आवेदन करने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी हैं?
आवेदन के लिए आधार कार्ड, भूमि दस्तावेज, और पंपसेट का सटीक स्थान आवश्यक है।
4. किसान कहां और कैसे आवेदन कर सकते हैं?
किसान सुविधा ऐप, डिस्कॉम पोर्टल, या अपने नजदीकी बिजली कार्यालय के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
5. क्या इस योजना के तहत कनेक्शन के लिए कोई शुल्क देना होगा?
नहीं, यह योजना पूरी तरह से नि:शुल्क है। किसानों को कोई शुल्क नहीं देना होगा।
6. इस योजना से किसानों को क्या लाभ होगा?
किसानों की सिंचाई लागत में कमी आएगी, उत्पादकता बढ़ेगी, और पर्यावरणीय लाभ भी मिलेगा।
7. कब तक इस योजना के सभी लक्ष्यों को पूरा किया जाएगा?
2026 तक सभी लक्ष्यों को पूरा करने का लक्ष्य है।
8. बिजली पंप और डीजल पंप में क्या अंतर है?
बिजली पंप डीजल पंपों की तुलना में अधिक किफायती, टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल होते हैं।